सिडनी, 3 मार्च : आस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर (David warner) ने कहा है कि इस साल की शुरुआत में भारत के खिलाफ श्रृंखला में खेलने के लिए चोट से वापसी में जल्दबाजी करना संभवत: सही फैसला नहीं था जिसके कारण उनका रिहैबिलिटेशन (Rehabilitation) का समय लंबा हो गया. भारत के खिलाफ एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला के दौरान ग्रोइन की चोट के कारण वार्नर पहले दो टेस्ट में नहीं खेल पाए थे लेकिन सिडनी और ब्रिसबेन (Sydney and Brisbane) में हुए अंतिम दो टेस्ट खेले थे. चौंतीस साल के वार्नर ने दो टेस्ट की चार पारियों में 5, 13, 1 और 48 रन बनाए और साफ दिख रहा था कि वह अपने सर्वश्रेष्ठ स्तर पर नहीं हैं. भारत ने गाबा में जीत के साथ टेस्ट श्रृंखला में 2-1 की एतिहासिक जीत दर्ज की.
‘ईएसपीएन क्रिकइंफो’ (ESPN Cricinfo) ने वार्नर के हवाले से कहा, ‘‘मैंने उन टेस्ट मैचों में खेलने का फैसला किया, मैंने महसूस किया कि मुझे वहां होना चाहिए और साथी खिलाड़ियों की मदद करनी चाहिए. पीछे मुड़कर देखता हूं तो शायद मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था, जहां तक चोट का सवाल है तो मुझे थोड़ा नुकसान हुआ.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं अपने बारे में सोच रहा होता तो शायद मैं मना कर देता लेकिन मैंने वह किया जो मुझे टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ लगा और मुझे लगा कि मेरा पारी का आगाज करना टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ रहेगा.’’ <strong>यह भी पढ़ें : Ind vs Eng 4th Test 2021: चौथे टेस्ट की पिच को लेकर अजिंक्य रहाणे ने की बड़ी भविष्यवाणी
वार्नर ने कहा कि उनकी चोट काफी बुरी थी और उन्होंने इससे पहले कभी इस तरह महसूस नहीं किया था. वार्नर को अब इंडियन प्रीमियर लीग में खेलना है जहां वह सनराइजर्स हैदराबाद का हिस्सा हैं. आस्ट्रेलिया को सीमित ओवरों की श्रृंखला के लिए वेस्टइंडीज का दौरा करना है लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है और वार्नर को इसके बाद जुलाई-अगस्त में इंग्लैंड में हंड्रेड सीरीज में भी खेलना है. इस आक्रामक सलामी बल्लेबाज की नजरें भारत में 2023 में होने वाले 50 ओवर के विश्व कप पर हैं लेकिन वह टेस्ट क्रिकेट से दूर होने के बारे में नहीं सोच रहे. उन्होंने कहा, ‘‘मैं करियर के अंत के बारे में बिलकुल भी नहीं सोच रहा, मेरी नजरें 2023 विश्व कप पर हैं.’’