नई दिल्ली: जापान (Japan) की राजधानी टोक्यो (Tokyo) में 23 जुलाई से ओलंपिक खेलों (Olympic Games) का आगाज होने जा रहा है. खेलों के इस महाकुंभ में किसी भी खिलाड़ी के लिए खेलना सबसे बड़ा सपना होता है. ऐसा ही एक सपना देखा था उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की रहने वाली पैदल चाल एथलीट प्रियंका गोस्वामी (Priyanka Goswami) ने… कमजोर आर्थिक स्थिति और कड़े परिश्रम की बदौलत प्रियंका ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई (Qualified) करने में सफलता हासिल की. Tokyo Olympics 2020: तोक्यो ओलंपिक में ओसाका का सामना पहले दौर में झेंग से
2015 में रेस वॉकिंग की दुनिया में प्रियंका ने जीता था कांस्य पदक
प्रियंका ने साल 2015 में रेस वॉकिंग की दुनिया में राष्ट्रीय चैंपियन में कांस्य पदक जीतकर कदम रखा. 2017 में नेशनल रेस वॉकिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता. उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक स्कूल से जिमनास्टिक से शुरुआत करने वाली प्रियंका ने साल 2016 में अपना इंटरनेशनल रेस वॉकिंग करियर आरंभ किया. भारत सरकार के सहयोग से वर्ल्ड क्लास ट्रेनिंग लेते हुए प्रियंका ने टोक्यो ओलंपिक की जोरदार तैयारी की है.
राष्ट्रीय रिकॉर्ड से हासिल किया ओलंपिक टिकट
बीते साल कोरोना संक्रमण के चलते कई प्रतियोगिताएं निरस्त हुईं. ओलंपिक भी इससे अछूता नहीं रहा. प्रियंका को साल 2021 में इतिहास रचने का मौका मिला. मेरठ की स्टार एथलीट ने रांची में आयोजित राष्ट्रीय पैदल चाल चैंपियनशिप में अपने धमाकेदार प्रदर्शन की बदौलत न सिर्फ नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड स्थापित किया, बल्कि 20 किलोमीटर की पैदल चाल एक घंटा 28 मिनट और 45 सेकेंड में पूरी कर ओलंपिक का टिकट भी हासिल किया. भारत में इससे पहले यह रिकार्ड राजस्थान की एथलीट भावना जाट (एक घंटा 29 मिनट 54 सेकेंड) के नाम था.
130 करोड़ भारतीयों की उम्मीद
खेल के प्रति अपनी लगन, विश्वास और अपनी उपलब्धियों के साथ रेस वॉकिंग की दुनिया में भारत को एक नई पहचान दिलाने वाली प्रियंका गोस्वामी 130 करोड़ भारतीयों की ओलंपिक की आशा हैं.