भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव पर लगी रोक को हटाने की याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. 11 अगस्त को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव पर 28 अगस्त तक रोक लगा दी थी. इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. यह भी पढ़ें: भारतीय फुटबॉल टीम के कोच इगोर स्टिमैक ने 49वें किंग्स कप के लिए 23 सदस्यीय टीम का किया ऐलान
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने याचिकाकर्ता, आंध्र प्रदेश एमेच्योर कुश्ती संघ से अपनी शिकायतों के साथ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा है.
11 अगस्त को, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा कुश्ती संघ (एचडब्ल्यूए) द्वारा दायर एक याचिका पर अगले आदेश तक चुनाव रोक दिया गया था, जिसमें हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ को डब्ल्यूएफआई चुनावों में वोट डालने की अनुमति देने के कदम को चुनौती दी गई थी.
न्यायमूर्ति विनोद एस भारद्वाज की पीठ ने यह देखने के बाद मामले को 28 अगस्त के लिए स्थगित कर दिया कि पार्टियों को "भारतीय कुश्ती महासंघ की कार्यकारी समिति के चुनाव के लिए वोट डालने का महत्वपूर्ण अधिकार है, जो 12.08.2023 को होना था. ......उसे सुनवाई की अगली तारीख तक रोक लगाने का आदेश दिया जाता है."
इससे पहले जुलाई में, शीर्ष अदालत ने एक याचिका पर डब्ल्यूएफआई चुनावों पर गुवाहाटी उच्च न्यायालय की रोक हटा दी थी.