कविंदर सिंह बिष्ट समेत 6 भारतीय मुक्केबाज एशियाई चैम्पियनशिप के फाइनल में
कविंदर सिंह बिष्ट (Photo Credits: File Photo)

एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले अमित पंघल (52 किग्रा) ने बैंकॉक में जारी एशियाई मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में जगह बना ली है. अमित के अलावा पांच अन्य मुक्केबाजों ने गुरुवार को शानदार सफलता अर्जित करते हुए फाइनल तक का सफर तय किया. साल 2017 में एशियाई चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने वाले अमित ने इस प्रतिष्ठित आयोजन में एक और शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में चीन के जियानगुआन हू को 4-1 से हराया.

टूर्नामेंट में अपना पहला बाउट लड़ रहीं पूजा रानी (81 किग्रा) ने कजाकिस्तान की फरीजा शोलटे के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 5-0 से जीत हासिल की. यह इस टूर्नामेंट में पूजा का तीसरा पदक है. पूजा ने 2012 में रजत और 2015 में कांस्य पदक जीता था. सेमीफाइनल में मिली जीत के बाद पूजा ने कहा, "मैं पहली बार 81 किग्रा वर्ग में खेल रही हूं. मैं घबराई हुई थी क्योंकि मेरी विपक्षी खिलाड़ी मुझसे लम्बी थी लेकिन जैसे ही मैं रिंग में पहुंची, आत्मविश्वास से भर गई. कल मैं मौजूदा विश्व चैम्पियन के खिलाफ रिंग में उतरूंगी और यह उसके खिलाफ मेरी पहली भिड़ंत होगी."

कविंदर सिंह बिष्ट ने 56 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में मंगोलिया के खारखू एंक अमर को 4-1 से हराया. गीबी बॉक्सिंग कप में स्वर्ण जीतने वाले कविंदर को कट भी लगा लेकिन वह घबराए नहीं और मुकाबला जीतकर फाइनल के लिए टिकट कटाया. आशा है कि वह फाइनल तक उस कट से उबर जाएंगे. कविंदर ने कहा, "मेरा विपक्षी मेरी तरह आक्रामक मुक्केबाज था. मेरा लक्ष्य उसके खिलाफ डॉजिंग और पंचिंग पर था और मैं खुश हूं कि मेरी रणनीति काम कर गई. मैं फाइनल को लेकर काफी आशान्वित हूं और आशा है कि देश के लिए स्वर्ण जीत सकूंगा."

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आशीष कुमार (75 किग्रा) ने ईरान के मौसावी एस. के खिलाफ शानदार खेल दिखाया और 3-2 की जीत के साथ पहली बार एशियाई चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचने में सफल रहे. इसी तरह 2018 विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली सिमरनजीत कौर (64 किग्रा) ने भी उजबेकिस्तान की मुफ्तुनाखोन मेलेवा को हराते हुए फाइनल में जगह बनाई. दीपक (49 किग्रा) को वॉकओवर मिला और वह बिना लड़े ही फाइनल में पहुंच गए.

37 साल की सरिता देवी को कांस्य से संतोष करना पड़ा क्योंकि वह 2016 की विश्व चैम्पियन चीन की वेनलू यांग से हार गईं. यह सरिता का एशियाई चैम्पियनशिप में आठवां पदक है, जिसमें पांच सोने के भी पदक शामिल हैं. सरिता ने 2001 में रजत जीता था और फिर 2003, 2005, 2008, 2010 और 2012 में सोना जीता। 2017 में सरिता ने कांस्य जीता था. भारत के लिए लगातार चार एशियाई चैम्पियनशिप में पदक जीतने वाले शिवा थापा (60 किग्रा) को इस बार भी कांस्य से संतोष करना पड़ा क्योंकि वह कजाकिस्तान के जाकिर साफिलुन के हाथों 1-4 से हार गए.

69 किग्रा में आशीष का सपना उस समय खत्म हो गया जब उजबेकिस्तान के बोबो उस्मोन बातुरोव ने उन्हें हरा दिया. पूर्व जूनियर वर्ल्ड चैम्पियन निखत जरीन (51 किग्रा) को भी सेमीफाइनल में हार मिली. निखत को वियतनाम की निग्वेन थी ताम ने 5-0 से हराया. निखत ने एशियाई चैम्पियनशिप में पहली बार कांस्य जीता. 2018 में आयोजित विश्व चैम्पियनशिप में रजत जीतने वाली सोनिया चहल (57 किग्रा) को सेमीफाइनल में थाईलैंड की निलावन टी. के हाथों 2-3 से हार मिली. निलावन एशियाई खेलोंे में कांस्य पदक विजेता हैं.

एशियाई चैम्पियनशिप में पहली बार हिस्सा ले रहीं मनीषा मौन (54 किग्रा) ने चमकदार खेल दिखाते हुए कांस्य जीता. वह सेमीफाइनल में ताइवान की हुआंग हिसाओ वेन के हाथों 2-3 से हार गईं. पूर्व एशियाई खेल कांस्य पदक विजेता सतीष कुमार (प्लस 91 किग्रा) को भी सेमीफाइनल में हार मिली. सतीष को कजाकिस्तान के कामशायबेक कुनकाबायेव के खिलाफ हुए मुकाबले से कट के कारण हटना पड़ा.