I Quit Wrestling: साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का किया ऐलान, संजय सिंह के WFI चीफ बनने पर भड़की महिला पहलवान

Sakshi Malik Quit Wrestling? 2016 रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने संजय सिंह को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) का अध्यक्ष चुने जाने के बाद कुश्ती छोड़ने की घोषणा की है.

बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष का चुनाव जीत गए हैं. इसपर पहलवान साक्षी मलिक ने रोते हुए ने कहा कि हम 40 दिनों तक सड़कों पर सोए और देश के कई हिस्सों से बहुत सारे लोग हमारा समर्थन करने आए. बूढ़ी महिलाएं आईं. ऐसे लोग भी आए, जिनके पास खाने-कमाने के लिए नहीं है. हम नहीं जीत पाए, लेकिन आप सभी का धन्यवाद.

उन्होंने कहा कि हमने पूरे दिल से लड़ाई लड़ी, लेकिन WFI का अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का बिजनेस पार्टनर और करीबी सहयोगी संजय सिंह चुना जाता है तो मैं अपनी कुश्ती को त्यागती हूं. इस दौरान साक्षी ने अपने जूते उठाकर मेज पर रख दिए.

भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद पर पिछले 12 साल से बृजभूषण शरण सिंह थे. साल 2011 से लगातार तीन बार वो कुश्ती संघ के अध्यक्ष चुने गए. बृजभूषण शरण सिंह के अध्यक्ष रहने के दौरान ही देश के कई पहलवानों ने उनके खिलाफ आंदोलन किया था. बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोप लगाए गए थे. याद होगा आपको, जब जंतर मंतर पर पहलवान धरने पर बैठे थे. मामला कोर्ट में है.

रेसलर बजरंग पूनिया ने कहा कि खेलमंत्री ने ऑन रिकॉर्ड कहा था कि बृजभूषण शरण सिंह से संबंधित फेडरेशन में कोई नहीं आएगा, लेकिन मुझे नहीं लगता कि बेटियों को न्याय मिलेगा. आज के चुनाव में बृजभूषण के आदमी की जीत हुई है. उन्होंने कहा कि मुझे न्यायपालिका पर भरोसा है कि वे न्याय करेंगे. साथ ही कहा कि ऐसा लगता है कि पीढ़ियां न्याय के लिए लड़ती रहेंगी. सरकार ने जो वादा किया था, उसे पूरा करने में विफल रही है.

साक्षी मलिक के कुश्ती से संन्यास के ऐलान के बाद विनेश फोगाट ने कहा कि यह वास्तव में दुखद है. हमने लड़ने की कोशिश की, लेकिन जीत हासिल नहीं कर सके. मुझे नहीं पता कि न्याय कैसे मिलेगा, हमने न्याय के लिए आवाज उठाने वाले हर व्यक्ति तक पहुंचने की कोशिश की.