ब्रिस्बेन, 13 जनवरी : भारतीय टीम के ऑफ स्पिनर रविंचद्रन अश्विन (Ravinchadran Ashwin) ने हनुमा विहारी के साथ मिलकर सिडनी टेस्ट मैच ड्ऱॉ कराया. अश्विन ने कहा है कि उन्होंने 2012 में एडिलेड में दक्षिण अफ्रीका और आस्ट्रेलिया के बीच खेले गए मैच में फाफ डु प्लेसिस की पारी से प्ररेणा ली थी. डु प्लेसिस (Du plessis) ने 376 गेंदों पर 110 रन बनाए थे और आस्ट्रेलिया को जीत से महरूम रखने में अहम भूमिका निभाई थी. अश्विन ने बीसीसीआई डॉट टीवी से कहा, "मैं अपने आप से कहता रहा कि मैं डु प्लेसिस की तरह निष्क्रिय बल्लेबाजी कर सकता हूं जैसी उन्होंने एडिलेड में 2012 में की थी. मैं अपने आपको एक शानदार मौका दे सकता हूं."
अश्विन ने कहा कि वह अभी भी इस परिणाम को कबूल नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि दोनों बल्लेबाज एक दम सुन्न थे. उन्होंने कहा, "जैसे रवि भाई कहते, अभी तक समझ नहीं आया. इसलिए हम नहीं कह सकते कि हम कैसा महसूस कर रहे हैं. मैं नहीं बता सकता कि मैं क्या महसूस कर रहा हूं, लेकिन यह काफी विशेष था. मुझे लगता है कि हम दोनों सुन्न रह गए थे और कुछ देर के लिए हमें पता नहीं था कि क्या हुआ. हमें जश्न भी नहीं मनाया क्योंकि हमें नहीं पता था कि क्या करना है क्योंकि हम हर एक गेंद को खेलने पर फोकस कर रहे थे." यह भी पढ़ें : IND vs AUS: सिडनी टेस्ट के Superhero विहारी ने अश्विन के शान में पढ़े कसीदे, बताया कैसे दोनों ने टीम को मझदार से बाहर निकला
अश्विन ने कहा कि लॉयन का सामना करना आसान था क्योंकि तेज गेंदबाजों को खेलते समय उनकी पीठ में दर्द था. उन्होंने यह भी बताया कि शरीर में दर्द होने के बाद भी वह शॉट्स लेने क्यों गए. उन्होंने कहा, "लॉयन गेंदबजी कर रहे थे. शुरुआत की तीन-चार गेंदें मैंने खेली. मेरी पीठ का दर्द मेरी गर्दन के निचले हिस्से से जा रहा था. इसलिए मैं विहारी के पास गया कि मुझे यह शॉट नहीं खेलना चाहिए था. इससे मेरे शरीर में दर्द होने लगा." उन्होंने कहा, "अगर मैं ब्रैक लेता, और उन पर वह शॉट नहीं खेलता तो मेरी पीठ फिर से सख्त सी हो गई थी. इसलिए मैंने विहारी से कहा कि मैं यहां रहकर उन पर कुछ शॉट खेल सकता हूं क्योंकि अगर मैं नहीं खेलूंगा तो मेरी पीठ और कठोर सी हो जाएगी क्योंकि मैंने चेस्ट गार्ड भी पहना था." यह भी पढ़ें : IND vs AUS 4th Test: ब्रिस्बेन में आसान नहीं है टीम इंडिया की राह, दिग्गज खिलाड़ी है चोटिल , इन जांबाजों को मिलेगा मौका
अश्विन ने विहारी के साथ हुई बातचीत को लेकर भी चर्चा की. उन्होंने कहा, "हमारी तरफ से चर्चा एक दम साफ थी. हम इस बात पर आश्वस्त नहीं थे कि रन इस समय जरूरी हैं कि नहीं. यह बल्लेबाजी के समय की बात थी. इसलिए हमारे बीच बातचीत यह थी कि अगर हम किसी गेंदबाज को लेकर सहज रहते तो उसका सामना करते, खासकर मांसपेशियों में खिचाव और पीठ में दर्द रहते हुए. हम अपनी एकाग्रता को खोना नहीं चाहते थे."