महान गोलकीपर PR श्रीजेश भारतीय जूनियर हॉकी टीम के बनेंगे मुख्य कोच, संन्यास के बाद नई भूमिका में आएंगे नजर

भारतीय हॉकी के महान गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने अपने शानदार करियर को पेरिस ओलंपिक 2024 में कांस्य पदक जीतकर अलविदा कहा है. 8 अगस्त 2024 को स्पेन के खिलाफ 2-1 की जीत के बाद, भारतीय टीम ने कांस्य पदक जीता, जिसमें कप्तान हरमनप्रीत सिंह के शानदार प्रदर्शन ने भारत की पुरुष हॉकी टीम को सम्मानजनक विदाई दी. इस जीत ने न केवल भारत को दूसरा लगातार ओलंपिक पदक दिलाया बल्कि जर्मनी के खिलाफ सेमीफाइनल में हार के बाद टीम के अभियान को ऊंचाई पर समाप्त किया.

श्रीजेश ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि पेरिस ओलंपिक उनके अंतरराष्ट्रीय करियर का अंतिम पड़ाव होगा, और इस तरह की जीत के साथ विदाई लेना उनके लिए एक शानदार अंत साबित हुआ.

नए सफर की शुरुआत

हालांकि पीआर श्रीजेश अब भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा नहीं होंगे, लेकिन उन्होंने अपने करियर को एक नए मोड़ पर ले जाने का फैसला किया है. हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने घोषणा की कि श्रीजेश भारतीय जूनियर पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच की भूमिका निभाएंगे. उन्होंने कहा, "गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आज अपना अंतिम मैच खेला है, लेकिन मैं यह घोषणा करना चाहता हूं कि श्रीजेश जूनियर भारतीय हॉकी टीम के मुख्य कोच होंगे. हम इस विषय पर SAI और भारत सरकार से चर्चा करेंगे."

हॉकी के लिए समर्पित एक नया अध्याय

श्रीजेश का यह निर्णय भारतीय हॉकी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. अपने अनुभव और नेतृत्व क्षमता के साथ, वह युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करने और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.

हॉकी के महानायक की विरासत

पीआर श्रीजेश का नाम भारतीय हॉकी में एक महानायक के रूप में दर्ज हो चुका है. उनके कुशल गोलकीपिंग और कठिन परिस्थितियों में धैर्य बनाए रखने की क्षमता ने उन्हें भारतीय हॉकी का एक अभिन्न हिस्सा बना दिया. दो बार के ओलंपिक पदक विजेता के रूप में उनकी यात्रा ने युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत का काम किया है.

श्रीजेश की इस नई भूमिका से न केवल जूनियर टीम को बल मिलेगा, बल्कि भारतीय हॉकी को भी एक नई दिशा मिलेगी. उनका अनुभव और समर्पण निस्संदेह भारतीय हॉकी के लिए एक मूल्यवान संपत्ति साबित होगा. भारतीय हॉकी प्रेमियों के लिए यह गर्व की बात है कि श्रीजेश जैसे महान खिलाड़ी अब एक कोच के रूप में नई पीढ़ी को तैयार करेंगे, और हमें उम्मीद है कि उनकी यह नई पारी भी उतनी ही शानदार होगी जितनी कि उनकी खिलाड़ी के रूप में थी.