Paris Olympics 2024: खेल कोई भी हो लेकिन हर खिलाड़ी के अंदर अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने का जूनून होता है. यह जूनून किस हद तक हो सकता है, इसका हालिया उदाहरण एक ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने दिया. दरअसल, इस खिलाड़ी ने पेरिस ओलंपिक 2024 में भाग लेने के लिए अपनी अनामिका उंगली का बलिदान दे दिया. यह ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी मैट डॉसन है. जिन्होंने ने पेरिस ओलंपिक में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए अपनी उंगली का एक हिस्सा बलिदान दे कर सभी हैरान कर दिया. यह भी पढें: Paris Olympics 2024: लियोनल मेसी के बिना भी अर्जेंटीना की नजरें ओलंपिक पुरुष स्वर्ण पर होगी, स्पेन महिला टीम गोल्ड की प्रबल दावेदार
दरअसल, पेरिस ओलंपिक में डॉसन की भागीदारी पर संदेह था. क्योंकि उनके दाहिने हाथ की अनामिका उंगली में फ्रैक्चर हो गया था. फिर डॉसन ने डॉक्टरों से परामर्श किया. जिसके बाद डॉक्टर ने उन्हें दो विकल्प दिए, डॉसन या तो इसे ठीक होने दें या इसका एक हिस्सा काट दें. इस दौरान पेरिस में अपनी भागीदारी के लिए टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक विजेता डॉसन ने अपनी उंगली का एक हिस्सा काटने का फैसला किया। हालांकि यह फैसला इतना भी आसान नहीं था. क्योंकि इसके बाद डॉसन को अपनी उंगली को प्लास्टर में करने, या उसे ठीक होने देने या अलग करने का ऑप्शन चुनना था. लेकिन ओलंपिक में खेलने के लिए तय कर चुके डॉसन ने उसे कटवाकर इस सप्ताह सर्जरी करवाई.
डॉसन ने सेवन नेटवर्क से बात करते हुए बताया की, "मेरे पास निर्णय लेने के लिए अधिक समय नहीं था." "मैंने निर्णय लिया और फिर अपनी पत्नी को फोन किया और उसने कहा, 'मैं नहीं चाहती कि आप जल्दबाजी में कोई निर्णय लें।' लेकिन मुझे लगता है कि मेरे पास पेरिस में खेलने के लिए ही नहीं बल्कि उसके बाद के जीवन के लिए और खुद को सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य देने के लिए निर्णय लेने के लिए आवश्यक सभी जानकारी थी."
डॉसन ने बताया, 'मैंने उस समय प्लास्टिक सर्जन के साथ मिलकर न केवल पेरिस में खेलने के लिए, बल्कि उसके बाद के जीवन के लिए भी निर्णय लिया. डॉसन ने कहा कि मेरे लिए सबसे अच्छा विकल्प यह था कि मैं अपनी उंगली के ऊपरी हिस्से को काट दूं. यह मेरे लिए चैलेंज था."
बता दें की ऑस्ट्रेलियाई पुरुष क्रिकेट टीम के कोच कोलिन बैच ने डॉसन की उनके साहसी कार्य के लिए सराहना की और स्वीकार किया कि उन्हें यकीन नहीं था कि वह भी ऐसा ही करेंगे. कोच कोलिन बैच ने कहा, "इससे उबरने का सबसे अच्छा तरीका बस उंगली का सिरा काट देना था." "इसलिए उन्होंने यही करने का फैसला किया. यह ऐसा कुछ नहीं है जो एक कोच किसी खिलाड़ी के लिए तय कर सकता है. जाहिर है, वह वास्तव में पेरिस में खेलने के लिए प्रतिबद्ध है. मुझे यकीन नहीं है कि मैं ऐसा कर पाता, लेकिन उसने ऐसा किया, बहुत बढ़िया."
बता दें की ऑस्ट्रेलिया टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक विजेता है. वे बेल्जियम के खिलाफ स्वर्ण पदक मैच पेनल्टी शूटआउट में हार गए। ऐसे में टीम को ऑस्ट्रलियाई टीम से होगी.