नई दिल्ली, 14 मार्च: मुंबई के कप्तान पृथ्वी शॉ ने फाइनल मुकाबले में उत्तर प्रदेश को हराकर विजय हजारे ट्रॉफी का खिताब जीतने के बाद कहा कि वह ऑस्ट्रेलिया के कठिन दौरे के बाद कड़ी मेहनत कर मजबूती से वापसी करना चाहते थे. मुंबई ने रविवार को यहां अरुण जेटली स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले में उत्तर प्रदेश को छह विकेट से हराकर विजय हजारे ट्रॉफी का खिताब जीता. मुंबई चौथी बार इस टूर्नामेंट का विजेता बना है. पृथ्वी ने इस सत्र में काफी शानदार प्रदर्शन किया और वह विजय हजारे ट्रॉफी के एक ही सत्र में 800 से ज्यादा रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी बन गए.
टीम के नियमित कप्तान श्रेयस अय्यर की जगह इस मुकाबले में पृथ्वी ने कमान संभाली थी. विजय हजारे से पहले पृथ्वी टीम इंडिया के साथ ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गए थे, जहां एडिलेड में खेले गए पहले टेस्ट में खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें टीम में शामिल नहीं किया गया था और इंग्लैंड के खिलाफ मुकाबले में भी वह टीम से बाहर रहे थे. लेकिन विजय हजारे ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन कर उन्होंने एक बार फिर अपनी दावेदारी पेश की है.
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पृथ्वी ने मैच के बाद कहा, "ऑस्ट्रेलिया दौरा काफी कठिन रहा था और मैं सिर्फ वापस जाकर कड़ी मेहनत करना चाहता था और इस गैप को भरकर मजबूती से वापसी करना चाहता था." उन्होंने कहा, "टीम में सभी ने इस टूर्नामेंट में अपना योगदान दिया. यह किसी निजी व्यक्ति के कारण नहीं हुआ. सहायक स्टाफ हो या खिलाड़ी यह ट्रॉफी सभी के लिए है. आदित्य तारे ने आज शानदार बल्लेबाजी की. यह मुकाबला किसी भी ओर जा सकता था, लेकिन सभी लोग खुश है क्योंकि मैच फिनिश करना आसान नहीं होता."
कप्तानी पर पृथ्वी ने कहा, "मैंने काफी कम उम्र से ही कप्तानी की है. मैं अडर-14, अंडर-16, अंडर-19 और इंडिया ए की कप्तानी की है और मैं इस प्रक्रिया का आनंद लेता हूं."