Rajiv Gandhi Stadium Stands Controversy: ‘कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट’ के चलते हैदराबाद स्टेडियम के स्टैंड से मोहम्मद अज़हरुद्दीन का नाम हटाने का आदेश- रिपोर्ट
मोहम्मद अज़हरुद्दीन (Photo credit: Instagram @dcci.official and BCCI)

Rajiv Gandhi Stadium Stands Controversy: हैदराबाद क्रिकेट एक बार फिर विवादों में घिर गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (HCA) को राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम के एक स्टैंड से पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन का नाम हटाने का आदेश दिया गया है. यह फैसला HCA के एथिक्स ऑफिसर और ओम्बड्समैन जस्टिस वी. ईश्वरैया ने दिया है. गौरतलब है कि स्टेडियम के नॉर्थ पवेलियन स्टैंड का नाम पहले ‘वीवीएस लक्ष्मण पवेलियन’ था, जिसे साल 2019 में अज़हरुद्दीन के HCA अध्यक्ष रहते हुए उनके नाम पर ‘मोहम्मद अज़हरुद्दीन स्टैंड’ कर दिया गया था. लेकिन लॉर्ड्स क्रिकेट क्लब की कोषाध्यक्ष सोमना मिश्रा द्वारा दायर की गई याचिका में इसे हितों के टकराव (Conflict of Interest) का मामला बताया गया. याचिका में HCA के मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन के नियम 38 का हवाला दिया गया, जो किसी भी सदस्य को अपने निजी हित में निर्णय लेने से रोकता है. यह भी पढ़ें: अभिषेक शर्मा, नितीश रेड्डी समेत इन चार खिलाड़ियों को मिल सकता है सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में जगह, श्रेयस अय्यर पर भी रहेगी नजर, इन दिग्गजों का होगा प्रोमोशन

क्रिकबज के अनुसार, ओम्बड्समैन ने अपने फैसले में कहा, “यह तथ्य कि जनरल बॉडी द्वारा इस फैसले की कोई पुष्टि या संशोधन नहीं किया गया है, यह और स्पष्ट करता है कि उत्तरदाता संख्या 1 (अज़हरुद्दीन) ने अपने अधिकारों से अधिक जाकर स्वयं को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया. इस आधार पर स्पष्ट रूप से हितों के टकराव का मामला बनता है.” उन्होंने यह भी आदेश दिया कि अज़हरुद्दीन का नाम तुरंत हटाया जाए और उनके नाम के टिकटों की छपाई भी रोकी जाए.

अब इस स्टैंड को फिर से 'वीवीएस लक्ष्मण पवेलियन' के नाम से पुनः नामित किया जाएगा, जो हैदराबाद के दिग्गज क्रिकेटर और भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज़ रहे हैं.

यह ताज़ा विवाद ऐसे समय सामने आया है जब कुछ महीने पहले ही सनराइजर्स हैदराबाद फ्रेंचाइज़ी और HCA के बीच टिकट विवाद को लेकर बड़ा टकराव हुआ था. फ्रेंचाइज़ी ने HCA पर 'उत्पीड़न' और 'धमकाने' का आरोप लगाते हुए अपने घरेलू मैचों को हैदराबाद से बाहर शिफ्ट करने की धमकी दी थी. हालांकि बाद में दोनों पक्षों ने सहमति से मुद्दा सुलझा लिया था और टिकट वितरण के नियमों का पालन करने का निर्णय लिया. इन घटनाओं के चलते हैदराबाद क्रिकेट में पारदर्शिता और प्रशासनिक नैतिकता को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं.