ऋद्धिमान साहा के आरोपों पर Rahul Dravid ने तोड़ी चुप्पी, कहा- सच्चाई और स्पष्टता के हकदार थे बल्लेबाज
भारत के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ इस बात से आहत नहीं हैं कि ऋद्धिमान साहा ने अपने भविष्य को लेकर उन दोनों के बीच हुई बातचीत का खुलासा कर दिया है.
कोलकाता, 21 फरवरी: भारत के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) इस बात से आहत नहीं हैं कि ऋद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) ने अपने भविष्य को लेकर उन दोनों के बीच हुई बातचीत का खुलासा कर दिया क्योंकि उनका मानना है कि यह अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज ‘सच्चाई और स्पष्टता’ का हकदार था. IND vs WI 3rd T20: टीम इंडिया ने तीसरे टी20 मुकाबले में वेस्टइंडीज को 17 रन से हराया, 3-0 से जीती सीरीज
साहा को हाल में भारतीय टीम की तरफ से खेलने का मौका नहीं मिला. उन्होंने मीडिया से कहा कि पिछले महीने दक्षिण अफ्रीका श्रृंखला के बाद द्रविड़ ने उन्हें आपसी बातचीत में संन्यास लेने पर विचार करने की सलाह दी थी. द्रविड़ ने कहा कि साहा से बात करने के पीछे उनका इरादा यह सुनिश्चित करना था कि उन्हें यह स्पष्ट तौर पर पता हो कि टीम में उनकी स्थिति क्या है और उन्हें इसका पछतावा नहीं है.
द्रविड़ ने वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 श्रृंखला में भारत की 3-0 से जीत के बाद कहा, ‘‘मैं वास्तव में आहत नहीं हूं. मैं साहा तथा भारतीय क्रिकेट में उनकी उपलब्धियों और योगदान का बहुत सम्मान करता हूं. मेरी बातचीत इसी संदर्भ में थी. मुझे लगता है कि वह सच्चाई और स्पष्टता के हकदार हैं. ’’
साहा ने भारत की तरफ से 40 टेस्ट मैच खेले हैं. इस 37 वर्षीय विकेटकीपर को श्रृंखला के खिलाफ आगामी श्रृंखला के लिये टीम में नहीं चुना गया. वह रणजी ट्राफी में भी नहीं खेल रहे हैं.
द्रविड़ ने कहा कि वह आगे भी खिलाड़ियों से इस तरह की स्पष्ट बातचीत जारी रखेंगे भले ही उन्हें यह रास आये या नहीं. उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की बातचीत मैं लगातार खिलाड़ियों के साथ करता हूं. मैं यह उम्मीद भी नहीं करता कि मैं खिलाड़ियों के बारे में जो कुछ कहता हूं वे हमेशा उससे सहमत होंगे.’’द्रविड़ ने कहा, ‘‘आप खिलाड़ियों के साथ कड़ी बातचीत कर सकते हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि आप बातों को दबाकर रखें और बातचीत न करें.’’
द्रविड़ ने कहा कि वह अंतिम एकादश का चयन करने से पहे खिलाड़ियों से बात करने की रणनीति अपनाते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं हमेशा अंतिम एकादश के चयन से पहले इस तरह की बातचीत में विश्वास रखता हूं और यह सवाल सुनने के लिये तैयार रहता हूं कि कोई खिलाड़ी क्यों नहीं खेल रहा है. खिलाड़ी का निराश और आहत होना स्वाभाविक है. ’’