India's Test Win Percentage With Jasprit Bumrah: भारतीय टेस्ट क्रिकेट में जसप्रीत बुमराह को एक ऐसे गेंदबाज़ के रूप में देखा जाता है, जो अकेले दम पर मैच का रुख बदल सकता है. उनकी यॉर्कर, गति और नियंत्रण किसी भी बल्लेबाज़ी क्रम के लिए सिरदर्द बन सकते हैं. लेकिन हैरानी की बात यह है कि हाल के वर्षों में टीम इंडिया ने जब-जब बुमराह के बिना मैदान में उतरने का फैसला किया, टीम का प्रदर्शन और भी संतुलित और प्रभावशाली नज़र आया है. अभी-अभी समाप्त हुई एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी 2025 (भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़) इसका ताज़ा उदाहरण है. यह 5 मैचों की सीरीज़ 2-2 से ड्रॉ पर समाप्त हुई. लेकिन जिन दो टेस्ट मैचों में बुमराह नहीं खेले. दूसरा और पांचवां उन मैचों में भारत ने अधिक दमदार प्रदर्शन किया और जीत दर्ज की. खासकर लंदन के ओवल में खेले गए निर्णायक पांचवें टेस्ट में भारत ने रोमांचक अंदाज़ में 6 रन से जीत दर्ज की. उस मैच में मोहम्मद सिराज ने दूसरी पारी में पांच विकेट लेकर मैच का पासा पलट दिया. वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप वर्तमान चक्र में भारत के लिए अगला चरण बेहद अहम, जानें कितनी सीरीज बची हैं और कहां-कहां होंगे मुकाबले
जब बुमराह खेले, तब परिणाम पक्ष में नहीं
जसप्रीत बुमराह ने इस सीरीज़ में तीन टेस्ट मैच खेले और कुल 14 विकेट चटकाए, जिनमें दो बार पांच विकेट लेने का कारनामा भी शामिल रहा. इसके बावजूद टीम इंडिया को उन तीन में से कोई भी मैच जीत नहीं मिला. इसके पीछे एक दिलचस्प कारण यह है कि जब बुमराह खेलते हैं, तो बाकी गेंदबाज़ों की भूमिका कहीं न कहीं उनकी छाया में दब जाती है. सबकी नज़रें बुमराह पर टिकी रहती हैं कि वह ही कमाल करेंगे.
जब बुमराह नहीं होते, तो गेंदबाज़ी इकाई और संतुलित बनती है
जब बुमराह को आराम दिया गया, तो बाकी गेंदबाज़ों ने ज़िम्मेदारी को साझा किया और बेहतरीन तरीके से निभाया. मोहम्मद सिराज ने लीडरशिप ली, प्रसिद्ध कृष्णा और नवोदित आकाश दीप ने भी बेहतरीन लाइन-लेंथ से प्रभावित किया. सिराज ने ओवल टेस्ट की दूसरी पारी में जो 5 विकेट झटके, वह टीम इंडिया को जीत दिलाने वाले क्षण साबित हुए.
जसप्रीत बुमराह के साथ और बिना भारत का टेस्ट रिकॉर्ड
| बुमराह के साथ | बिना बुमराह के | |
|---|---|---|
| खेले गए टेस्ट | 48 | 28 |
| जीत | 20 | 20 |
| हार | 23 | 6 |
| ड्रॉ | 6 | 4 |
| जीत प्रतिशत | 41.67% | 71.43% |
यह आंकड़े साफ इशारा करते हैं कि जब बुमराह टीम में नहीं होते, तब भारत की गेंदबाज़ी इकाई ज़्यादा सामूहिक प्रदर्शन करती है. इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि बाकी गेंदबाज़ों को खुद को साबित करने का अधिक अवसर मिलता है, और वे जिम्मेदारी लेकर खेलते हैं.
सिराज बनते जा रहे हैं भारत के नए भरोसेमंद तेज़ गेंदबाज़
मोहम्मद सिराज ने इस सीरीज़ में जिस तरह से प्रदर्शन किया, उसने उन्हें भारतीय तेज़ गेंदबाज़ी के अगले स्तंभ के रूप में स्थापित कर दिया है. सिर्फ विकेट ही नहीं, उन्होंने आत्मविश्वास, अनुशासन और आक्रामकता के साथ गेंदबाज़ी की. बुमराह का करियर शानदार रहा है, लेकिन लगातार पीठ की चोटों ने उनकी उपलब्धता पर असर डाला है. वह 2022 T20 वर्ल्ड कप, 2023 की WTC फाइनल और 2025 की चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंट मिस कर चुके हैं. ऐसे में भारत ने मजबूरी में ही सही, लेकिन एक नया तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण तैयार किया है, जो अब परिपक्व होता दिख रहा है.












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