Australia National Cricket Team vs India National Cricket Team: ऑस्ट्रेलिया राष्ट्रीय क्रिकेट बनाम भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम 5 मैचों के टेस्ट सीरीज( Test Series) का पहला मुकाबला 22 नवंबर( शुक्रवार) से पर्थ(Perth) के पर्थ स्टेडियम(Perth Stadium) में खेला जाएगा. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का पहला मुकाबला जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, क्रिकेट प्रेमियों की निगाहें पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम पर टिकी हुई हैं. पर्थ के हेड क्यूरेटर इसाक मैकडॉनल्ड ने पिच की खासियतों पर बात करते हुए संकेत दिया है कि यह पिच "बेहतर गति, बाउंस और कैरी" प्रदान करेगी, जो पास के ऐतिहासिक WACA मैदान की पहचान रही है. मैकडॉनल्ड ने कहा कि इस बार की पिच में खासतौर से तेज़ गेंदबाजों को मदद मिलेगी, और इसका प्रभाव न केवल गेंदबाजों बल्कि भारतीय बल्लेबाजों के लिए भी एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है. यह भी पढ़ें: भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी से पहले जानें 40 टेस्ट के बाद जसप्रीत बुमराह और पैट कमिंस में से कौन है असली बेताज बादशाह
भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया: पर्थ की पिच रिपोर्ट
मैकडॉनल्ड और उनकी टीम सितंबर से इस ड्रॉप-इन पिच की तैयारी कर रही है. WACA के जीवंत ट्रैक की विरासत को ध्यान में रखते हुए उन्होंने समान प्रकार की मिट्टी और घास का उपयोग किया है. ऑप्टस स्टेडियम में लगभग 10 मिलीमीटर घास की परत छोड़ी गई है, जो पिच को और भी तेज और बाउंसी बनाने का काम करेगी. पिछले साल की पाकिस्तान के खिलाफ हुई टेस्ट सीरीज के अनुभव को ध्यान में रखते हुए, इस बार पिच को इस तरह से तैयार किया गया है कि यह मैच के आखिरी दिन तक चुनौतीपूर्ण बना रहे.
पिच पर पेसर्स का होगा जलवा
हाल ही में इस मैदान पर खेले गए वनडे में पाकिस्तान के तेज गेंदबाजों ने पेस और बाउंस का पूरा फायदा उठाया. हालांकि, मैकडॉनल्ड का कहना है कि टेस्ट मैच के लिए पिच में कुछ खास बदलाव किए गए हैं, जिसमें ध्यान दिया गया है कि पिच पर दरारें धीरे-धीरे उभरें, ताकि आखिरी दिन में पिच का मिज़ाज और भी दिलचस्प हो जाए. पर्थ की पिच की पहचान हमेशा से यह रही है कि दरारों के कारण गेंद का बर्ताव अप्रत्याशित हो जाता है, जिससे बल्लेबाजों के लिए चुनौती बढ़ जाती है.
ऑस्ट्रेलिया को मिलेगा घरेलू फायदा, भारत के सामने कठिन चुनौती
यह मैकडॉनल्ड का तीसरा टेस्ट मैच है और उनके लिए यह अवसर है कि वे WACA के सुनहरे दिनों की याद दिलाते हुए पर्थ को उसकी पुरानी प्रतिष्ठा वापस दिलाएं। 1980 और 90 के दशक में WACA की पिच बल्लेबाजों के लिए खौफ का कारण मानी जाती थी. मैकडॉनल्ड का उद्देश्य भी यही है कि इस पिच पर एक संतुलित मुकाबला हो, जिसमें तेज़ गेंदबाजों और सधे हुए बल्लेबाजों के बीच टक्कर देखने को मिले. भारतीय टीम ने बिना किसी वॉर्म-अप मैच के इस पिच पर कदम रखा है, जिससे उन्हें अनुकूलन का एक अतिरिक्त दबाव महसूस हो सकता है. यह मुकाबला उनके लिए मानसिक और शारीरिक दोनों दृष्टिकोण से चुनौतीपूर्ण होगा.
टेस्ट क्रिकेट का असली रोमांच होगा पर्थ की इस पिच पर
ऑस्ट्रेलिया का यह घरेलू मैदान एक बार फिर बाउंसी पिचों की परंपरा को जारी रखने की तैयारी में है, जहां तेज गेंदबाजों को आक्रमण का मौका मिलेगा और बल्लेबाजों को अपनी कला का कौशल दिखाना होगा. भारत के पास यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल और विराट कोहली जैसे स्टार बल्लेबाज हैं, जिन पर टीम का दारोमदार होगा कि वे इस मुश्किल पिच पर खुद को साबित करें. वहीं, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी जैसे भारतीय तेज गेंदबाज ऑस्ट्रेलिया के लिए चुनौती पेश करेंगे.