नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) का जन्म 11 जनवरी, 1973 को इंदौर (Indore) शहर में हुआ, लेकिन बाद में किसी कारणवश उनके परिवार को बैंगलोर (Bengalore) पलायन करना पड़ा. आपको जानकार हैरानी होगी कि द्रविड़ ने महज 12 साल की आयु में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था. आज हम आपको उनके करियर की तीन उन पारियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता है.
इंग्लैंड के खिलाफ 148 रन की पारी
राहुल द्रविड़ ने 22 अगस्त-26 अगस्त, 2002 तक भारत और इंग्लैंड के बीच चले एक टेस्ट मैच में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर गेंदबाजों के होश उड़ा दिए थे. बता दें राहुल ने इस टेस्ट मैच की पहली पारी में 148 रन बनाते हुए शानदार शतक जड़ा था.
कोलकाता में फॉलोऑन, द्रविड़-लक्ष्मण का धमाका
साल 2002 की इस सीरीज का पहला टेस्ट मुंबई में खेला गया था, उस दौरान भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के सामने करारी हार का सामना करना पड़ा था. इस मैच में ऑस्ट्रेलिया की टीम ने पहली पारी में 445 रनों का विशाल स्कोर खड़ा करके भारतीय टीम को 171 रन पर ऑलआउट कर दिया और भारत को फॉलोऑन खेलना पड़ा था. इस मैच के माहौल को देख कर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि भारत 274 रन से पीछे चल रहा है अब यहां हार निश्चित है.
लेकिन फॉलोऑन में राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण ने जो किया वह इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया. गौरतलब है कि 232 रन पर 4 विकेट गिर गए थे और क्रीज पर थे लक्ष्मण व राहुल द्रविड़. दोनों ने न केवल चौथे दिन दिनभर और पांचवें दिन के कुछ हिस्से में बल्लेबाजी की, बल्कि टीम इंडिया को अच्छी खासी बढ़त (384 रन) दिला दी. यहां राहुल द्रविड़ ने शानदार पारी खेलते हुए 180 रन की पारी खेली.
एडिलेड में ऐतिहासिक जीत
साल 2003-04 में खेले गए एडिलेड टेस्ट में द्रविड़ ने भारत को एडिलेड में जीत दिलाई थी. एडिलेड में पहली टेस्ट जीत के हीरो राहुल द्रविड़ रहे थे. द्रविड़ ने 2003 में 12 से 16 दिसंबर तक खेले गए चार टेस्ट मैचों की सीरीज (2003/04) के दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन शतक पूरा किया था और अगले दिन 233 रन बनाकर पवेलियन लौटे थे.
द्रविड़ की बदौलत भारत का स्कोर 523 रनों पर जा पहुंचा. हालांकि ऑस्ट्रेलिया को 33 रनों की मामूली बढ़त जरूर हासिल हुई. इसके बाद अजीत आगरकर की कातिलाना गेंदबाजी (6/41) की बदौलत ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 196 रनों पर सिमट गई थी.