India vs Pakistan: भारत और पाकिस्तान के बीच हर मैच को जंग की तरह पेश किये जाने के आदी हो चुके कप्तान विराट कोहली ने कहा कि टीम का ध्यान बड़े लक्ष्य पर है क्योंकि रविवार को आईसीसी विश्व कप के सबसे प्रतीक्षित मैच से टूर्नामेंट खत्म नहीं होगा. कोहली को इस मैच को लेकर लोगों के जुनून के बारे में पता है लेकिन वह नहीं चाहते कि एक मुकाबले से किसी की सोच बदले. मैच पूर्व संध्या पर कोहली से बाहरी दबाव और इस मुश्किल मुकाबले को लेकर छह-सात बार सवाल किया गया लेकिन उन्होंने इस पर ज्यादा बोलना सही नहीं समझा. भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘ मैच एक निश्चित समय पर शुरू होगा और एक निश्चित समय पर खत्म होगा. आप अच्छा प्रदर्शन करें या ना करें यह जिंदगी भर चलने वाला नहीं है.’’ कोहली के लिए विश्व कप जीतना ज्यादा बड़ी बात है जो सबसे अधिक मायने रखता है. उन्होंने कहा, ‘‘ हम कल अच्छा करें या नहीं, यह खत्म नहीं होगा. टूर्नामेंट आगे भी जारी रहेगा और हमारा ध्यान बड़े लक्ष्य पर रहना चाहिए. कोई भी व्यक्ति दूसरों की तुलना में अधिक दबाव नहीं लेता है.’’
कप्तान ने कहा, ‘‘ ग्यारह खिलाड़ी जिम्मेदारी साझा करते हैं. मौसम किसी के हाथ में नहीं है. हमें यह देखना होगा कि हमें खेलने कितना मौका मिल रहा है. हमें किसी भी स्थिति के लिए मानसिक रूप से तैयार होने की जरूरत है.’’ पाकिस्तान के तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर से उनकी टक्कर के बारे में पूछे जाने पर कोहली ने कहा, ‘‘ मैं कुछ भी ऐसा नहीं कहूंगा जिससे टीआरपी मिले, ना ही कुछ ऐसा कहूंगा जो खबरों में बना रहे.
जब भी मैं किसी गेंदबाज का सामना करता हूं तो मैं सिर्फ लाल या सफेद गेंद देखता हूं. मैं गेंदबाज के कौशल का सम्मान करता हूं. मैंने रबाडा के लिए यही कहा था.’’ कोहली ने हालांकि यह स्पष्ट किया कि अच्छे गेंदबाजों का अच्छी तरह से परखने करने की जरूरत है.
कोहली ने कहा, ‘‘ विश्व क्रिकेट में जो भी गेंदबाज प्रभावित करते हैं, आपको उनकी ताकत से सावधान रहना चाहिए, लेकिन इसके साथ ही आप में इतना आत्मविश्वास होना चाहिए कि आप किसी भी गेंदबाज के खिलाफ रन बना सकें. मैच का नतीजा सिर्फ मेरे या उसके (आमिर) प्रदर्शन से नहीं होगा.’’
उन्होंने हालांकि माना कि यह उम्मीद करना उचित नहीं है कि प्रशंसक भी उनकी तरह सोचेंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रशंसकों से अलग तरह से सोचने के लिए नहीं कह सकता. हमारे पास खेल के लिए एक पेशेवर दृष्टिकोण है क्योंकि हम बहुत भावुक या उत्साहित नहीं हो सकते. इसलिए, खिलाड़ियों की मानसिकता प्रशंसकों से अलग होगी.’’