2011 में आज ही के दिन टीम इंडिया दूसरी बार बनी थी वर्ल्ड चैंपियन, पढ़े श्रीलंका के खिलाफ खेले गए रोमांचक मैच की पूरी कहानी
इस जीत के बाद सभी भारतीयों का उत्साह देखने लायक था. सभी सड़कों पर उतरे और जीत का जश्न मनाने लगे. यह जश्न रात भर चला.
ICC Cricket World Cup 2011: 2 अप्रैल 2011 ये तारिख हर भारतीय क्रिकेट फैन के लिए यादगार है. इसी दिन टीम इंडिया ने धोनी के नेतृत्व में दूसरी बार वर्ल्ड कप अपने नाम किया था. धोनी का मैच विनिंग शॉट आज भी करोड़ो फैन्स के मन में ताजा है. श्रीलंकाई गेंदबाज नुवन कुलसेकरा की गेंद पर धोनी ने करारा प्रहार किया और मिड-ऑन के ऊपर से छक्का जड़ा. टीम इंडिया ने मैच जीता और करोड़ो भारतीयों ने सड़क पर उतर कर इसका जश्न बनाया.
मुंबई के प्रतिष्ठित वानखेड़े स्टेडियम में ये हाई-वोल्टेज मैच खेला गया था, स्टेडियम प्रशंसकों से भरा था. ड्रामा मैच शुरू होने से पहले ही शुरू हो गया था क्योंकि दो बार टॉस करना पड़ा था. दरअसल, रेफरी ने भीड़ के शोर के कारण पहली बार कप्तान की कॉल नहीं सुनी थी. श्रीलंका के कुमार संगकारा ने आखिरकार टॉस जीता और बल्लेबाजी का फैसला किया.
ज़हीर खान ने संगकारा के फैसले को गलत साबित करते हुए उपुल थरंगा को सस्ते में पवेलियन लौटा दिया. तिलकरत्ने दिलशान (33) और कप्तान संगकारा (48) ने संभलकर खेला मगर वे भी ज्यादा वक्त तक मैदान में टिक नहीं पाए. महेला जयवर्धने ने हालांकि भारतीय गेंदबाजों का अच्छा समाचार लिया और शतक जड़ा. श्रीलंका ने अपने निर्धारित 50 ओवरों में 6 विकेट गवांकर 274 रन बनाए.
यहां देखें मैच की हाईलाइट
जवाब में, भारतीय टीम ने खराब शुरुआत की, लसिथ मलिंगा ने वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर को पारी की शुरुआत में ही आउट कर दिया. वानखेड़े स्टेडियम में चारों तरफ सन्नाटा था. हालांकि, गौतम गंभीर मिले अवसर को दोनों हाथों से लपका और विराट कोहली के साथ साझेदारी कर पारी को संभाला. कोहली 35 रन बनाकर आउट हो गए और सभी को चौकाते हुए एमएस धोनी इन-फॉर्म बल्लेबाज युवराज सिंह से आगे आए. खैर, यह कदम मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ क्योंकि उन्होंने चौथे विकेट के लिए गंभीर के साथ 109 रन बनाए और लंका को खेल से बाहर कर दिया.
ऐसा लग रहा था कि गंभीर शतक जड़ेंगे मगर थिसारा परेरा की गेंद पर वे 97 रन पर आउट हो गए. युवराज मैदान में आये और उन्होंने धोनी के साथ मिलकर टीम इंडिया को जीत दिलाई. इस जीत के बाद सभी भारतीयों का उत्साह देखने लायक था. सभी सड़कों पर उतरे और जीत का जश्न मनाने लगे. यह जश्न रात भर चला.