SIM Re-allocation Policy: RCB कप्तान रजत पाटीदार का नंबर छत्तीसगढ़ के लड़के तक कैसे पहुंचा? किसी मशहूर शख्स का पुराना नंबर मिले तो क्या करें
कभी-कभी किस्मत इतनी अजीब खेल खेलती है कि यकीन करना मुश्किल हो जाता है. छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के मनीष बिसी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ.
Rajat Patidar Mobile Number: कभी-कभी किस्मत इतनी अजीब खेल खेलती है कि यकीन करना मुश्किल हो जाता है. छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के मनीष बिसी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. जून के आखिरी हफ्ते में मनीष ने देवभोग के एक छोटे मोबाइल दुकान से नया सिम खरीदा. उन्हें क्या पता था कि यह नंबर हाल ही में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के कप्तान रजत पाटीदार का था. जब मनीष ने अपने दोस्त खेमेंराज की मदद से व्हाट्सऐप सेट किया, तो प्रोफाइल पिक्चर में पाटीदार की फोटो दिखी. शुरुआत में दोनों ने इस पर ध्यान नहीं दिया. लेकिन जल्द ही कॉल आने शुरू हो गए.
फोन करने वाले खुद को विराट कोहली, एबी डीविलियर्स और RCB के दूसरे खिलाड़ियों के नाम से परिचय देने लगे. यह सब करीब दो हफ्ते चला और दोनों दोस्त इस अनोखे अनुभव का मजा लेते रहे.
पाटीदार को वापस मिला उनका नंबर
उधर, रजत पाटीदार को अपना व्हाट्सऐप अकाउंट इस्तेमाल करने में दिक्कत हुई और उन्होंने मध्य प्रदेश साइबर सेल में शिकायत कर दी. जांच में साफ हुआ कि टेलिकॉम कंपनी ने अपनी "री-एलोकेशन पॉलिसी" के तहत यह नंबर मनीष को दे दिया था, क्योंकि यह छह महीने से इस्तेमाल में नहीं था.
गरियाबंद के एसपी निखिल राखेचा ने बताया कि जो नंबर लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं होते, उन्हें टेलिकॉम कंपनी नए ग्राहकों को दे देती है. अब यह नंबर फिर से रजत पाटीदार को लौटा दिया गया है.
आखिर यह प्रक्रिया होती कैसे है?
टेलिकॉम कंपनियों के पास सीमित मोबाइल नंबर होते हैं. अगर कोई नंबर लंबे समय तक रिचार्ज नहीं होता या इस्तेमाल नहीं होता, तो वह निष्क्रिय कर दिया जाता है. फिर एक तय समय के बाद वही नंबर किसी नए ग्राहक को दे दिया जाता है. यह नियम आम लोगों से लेकर मशहूर हस्तियों तक, सब पर लागू होता है.
किसी मशहूर व्यक्ति का पुराना नंबर मिल जाए तो क्या करें?
- उस नंबर का गलत इस्तेमाल बिल्कुल न करें.
- पुराने व्हाट्सऐप चैट, कॉन्टैक्ट्स या मीडिया फाइल देखने या शेयर करने की कोशिश न करें.
- अगर कॉल या मैसेज आते हैं, तो प्यार से बता दें कि यह नंबर अब किसी और के पास है.
- जरूरत पड़ने पर नंबर बदलने का विकल्प चुनें.
कानून के मुताबिक, किसी की निजी जानकारी का दुरुपयोग करना साइबर अपराध है और इसके लिए जेल भी हो सकती है. इसलिए जिम्मेदार नागरिक की तरह व्यवहार करें.
एक मजेदार याद बन गई ये घटना
मनीष और खेमेंराज के लिए यह एक मजेदार याद बन गई, लेकिन हर किसी के लिए ऐसा अनुभव हमेशा सुरक्षित या सुखद नहीं होता. बेहतर यही है कि इस तरह के नंबर मिलने पर सावधानी बरतें और किसी की प्राइवेसी का सम्मान करें.