मुंबई: टीम इंडिया (Team India) और इंग्लैंड (England) के बीच तीसरा टेस्ट राजकोट (Rajkot) के निरंजन शाह स्टेडियम (Niranjan Shah Stadium) में खेला जा रहा हैं. दूसरे दिन का खेल ख़त्म होने तक इंग्लैंड 35 ओवर में दो विकेट खोकर 207 रन बना लिए थे. इससे पहले टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. राजकोट टेस्ट के पहले दिन टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने शानदार शतकीय पारी खेली.
आज तीसरा दिन हैं. इस मुकाबले में टीम इंडिया को विकेट की आवश्कयता है और दूसरे दिन का खेल खत्म होते ही फैंस के लिए बुरी खबर आई. खबर ये कि दिग्गज गेंदबाज आर अश्विन तीसरे टेस्ट मैच के बीच बाहर हो गए हैं और वह बचे हुए तीन दिनों के खेल में टीम का हिस्सा नहीं बन सकेंगे. Dhruv Jurel Record in Debut Test: अपने डेब्यू टेस्ट में ही ध्रुव जुरैल ने किया बड़ा कारनामा, बनाया ये अनोखा कीर्तिमान
टीम इंडिया को लगा तगड़ा झटका
टीम इंडिया के लिए यह एक तगड़ा झटका है. राजकोट में खेल के बचे हुए तीन दिन टीम इंडिया के लिए आर अश्विन के बिना काफी भारी होगा. आर अश्विन के बाहर होते ही सोशल मीडिया से लेकर हर जगह यह सवाल उठने लगा कि अब रोहित शर्मा किस प्लान के साथ उतरेंगे. क्या आर अश्विन को किसी और खिलाड़ी के साथ रिप्लेस किया जा सकता है.
टीम इंडिया को मिल सकता है अश्विन का रिप्लेसमेंट
क्रिकेट में जब कोई प्लेयर टेस्ट मैच के बीच ही बाहर हो जाए, लेकिन ऐसा हो जाए तो क्या किया जाता है? दरअसल कई बार प्लेयर इंजरी या निजी कारणों की वजह से बीच टेस्ट मैच से बाहर हो जाते हैं. ऐसे में उस प्लेयर के रिप्लेसमेंट की मांग कोई टीम तब ही कर सकती है जब विरोधी टीम का कप्तान ये करने की इजाजत दे.
एमसीसी के नियम संख्या 1.2.2 के मुताबिक नामांकन के बाद विरोधी कप्तान की सहमति के बिना किसी भी प्लेयर को बदला नहीं जा सकता. लेकिन नियम संख्या 1.2.1 के मुताबिक टीम के कप्तान को टॉस से पहले अपने 12वें प्लेयर का नाम देना होता है. जोकि टीम इंडिया ने इस मैच में नहीं किया था.
अब ऐसे में रोहित शर्मा को चाह कर भी आर अश्विन का रिप्लेसमेंट नहीं मिल पाएगा. अगर इंग्लैंड के कप्तान ऐसा करने के लिए तैयार भी हो जाते हैं तो कोई दूसरा प्लेयर अश्विन की जगह नहीं खेल सकता है क्योंकि टीम इंडिया ने नियम संख्या 1.2.1 का पालन पहले नहीं किया था. ऐसे में सिर्फ आर अश्विन का फील्डर सब्स्टीट्यूट ही मैदान में खेल सकता है. वह खिलाड़ी न तो गेंदबाजी कर पाएगा न ही बल्लेबाजी.