टीम इंडिया के मुख्य कोच पद के लिए आए 2000 से ज्यादा आवेदन: रिपोर्ट
BCCI ने नए सपोर्ट स्टाफ के लिए आवेदन मगाएं थे जिसके अप्लाई करने की अंतिम तारीख 30 जुलाई थी. 'बैंगलोर मिरर' के अनुसार भारतीय टीम के मुख्य कोच की भूमिका के लिए 2000 से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं, हालांकि इनमें चुनिंदा बड़े नाम शामिल हैं. ऐसी स्थिति में रवि शास्त्री (Ravi Shastri) का दावा फिर से मजबूत माना जा रहा है.
इंग्लैंड और वेल्स में खेले गए आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 के बाद टीम इंडिया के मौजूदा सपोर्ट स्टाफ का कार्यकाल समाप्त हो चूका था, लेकिन BCCI ने वेस्टइंडीज दौरे को देखते हुए टीम इंडिया के पुराने सपोर्ट स्टाफ का कार्यकाल 45 दिन के लिए बढ़ा दिया है. BCCI ने नए सपोर्ट स्टाफ के लिए आवेदन भी मंगाए थे जिसके अप्लाई करने की अंतिम तारीख 30 जुलाई थी. 'बैंगलोर मिरर' के अनुसार भारतीय टीम के मुख्य कोच की भूमिका के लिए 2000 से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं, हालांकि इनमें चुनिंदा बड़े नाम शामिल हैं. ऐसी स्थिति में रवि शास्त्री (Ravi Shastri) का दावा फिर से मजबूत माना जा रहा है.
बता दें कि भारतीय टीम के मुख्य कोच के लिए ऑस्ट्रेलिया के पूर्व खिलाडी टॉम मूडी (Tom Moody) ने भी आवेदन किए हैं. मूडी के अलावा इस फेहरिस्त में न्यूजीलैंड टीम के पूर्व कोच माइक हेसन (Mike Hesson) का भी नाम शामिल है. टॉम मूडी जहां आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद के मुख्य कोच की भूमिका में रह चुके हैं, वहीं माइक हेसन भी वर्तमान में किंग्स इलेवन पंजाब के कोच हैं.
वहीं बात करें इस लिस्ट में भारतीय उम्मीदवार की तो इसमें रॉबिन सिंह और लालचंद राजपूत जैसे बड़े नाम शामिल हैं. बता दें कि भारतीय टीम के मुख्य कोच की लिस्ट में पिछले कुछ समय से श्रीलंका के पूर्व दिग्गज कप्तान महेला जयवर्धने का भी नाम चल रहा था, लेकिन उन्होंने इसके लिए आवेदन नहीं किया. दूसरी तरफ जोंटी रोड्स ने फील्डिंग कोच के पद पर अपना दावा ठोका है. ऐसा माना जा रहा है, मौजूदा फील्डिंग कोच आर श्रीधर, रोड्स की चुनौती के बावजूद भी बरकरार रह सकते हैं.
वहीं गेंदबाजी कोच की बात करें तो वर्तमान कोच भरत अरुण का रहना लगभग तय माना जा रहा है, क्योंकि पिछले कुछ समय से टीम ने भरत अरुण के अगुवाई में जबरदस्त प्रदर्शन किया है. मौजूदा भारतीय गेंदबाजी आक्रमण टेस्ट में सर्वश्रेष्ठ रहा है. मोहम्मद शमी फॉर्म में है और जसप्रीत बुमराह लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं जिसका श्रेय भरत अरुण को जाता है. चयनकर्ताओं के लिए उनकी जगह किसी और को तरजीह देना काफी मुश्किल होगा.