भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के विकेटकीपिंग दस्तानों पर बने भारतीय सेना के 'बलिदान बैज' (Balidaan Badge) को लेकर बहस तेज हो गई है. आईसीसी के आपत्ति उठाए जाने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. आईसीसी ने बीसीसीआई से अपील की है कि वह धोनी को दस्तानों से लोगो हटाने को कहे. आईसीसी का कहना है कि नियमों के मुताबिक किसी भी अन्य प्रतीक वाली चीजों को मैदान पर नहीं पहना जा सकता. हालांकि मामले में बीसीसीआई और आईपीएल के चेयरमैन राजीव शुक्ला ने धोनी का समर्थन किया.
बीसीसीआई के सीओए विनोद राय ने कहा कि बोर्ड ने इस बारे में आईसीसी को पत्र लिखा है. जबकि राजीव शुक्ला ने कहा कि ग्लब्स पर सेना के बलिदान का बैज लगाकर धोनी ने आईसीसी के किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया है. विनोद राय ने कहा हम अपने खिलाड़ियों के साथ खड़े हैं. धोनी के दस्ताने पर जो चिह्न है, वह किसी धर्म का प्रतीक नहीं है और न ही यह कॉमर्शियल है.
विनोद राय ने कहा जहां तक पहले से परमिशन लेने की बात है तो हम इसके लिए आईसीसी से धोनी को दस्तानों के इस्तेमाल को लेकर अपील करेंगे.' बीसीसीआई इसकी इजाजत के लिए आईसीसी से आधिकारिक रूप से अनुमति लेने जा रहा है. बोर्ड यह जिक्र करते हुए आईसीसी को पत्र लिखेगा कि पांच जून को भारत और दक्षिण अफ्रीका के मैच के दौरान धोनी ने जो ग्लब्स पहने थे, उसे उन्हें पहनने दिया जाए.'
ICC Sources: If MS Dhoni and BCCI convince ICC that the "balidaan badge" does not have any political, religious, or racial message, ICC may consider the request pic.twitter.com/qRQDQwgr3j
— ANI (@ANI) June 7, 2019
आईसीसी सूत्रों के अनुसार अगर एमएस धोनी और बीसीसीआई आईसीसी को यह भरोसा दिलाने में कामयाब हो जाते हैं कि 'बलिदान' चिन्ह में कोई राजनीतिक, धार्मिक या नस्लभेद संदेश नहीं है, तो आईसीसी इस अनुरोध पर विचार कर सकता है.
क्या है बलिदान चिन्ह
'बलिदान' विशेष बलों का एक विशिष्ट प्रतीक है, जो पैराशूट रेजिमेंट का हिस्सा है. केवल पैरामिलिट्री कमांडो को ही बलिदान बैज पहनने की अनुमति है. इस बैज में 'बलिदान' शब्द को देवनागरी लिपि में लिखा गया है. यह बैज चांदी से बना होता है. बैज के दोनों तरफ विंग्स और बीच में खंजर होता है.
महेंद्र सिंह धोनी को साल 2011 में पैराशूट रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक से सम्मानित किया गया था. धोनी ने अपनी पैरा रेजिमेंट के साथ खास ट्रेनिंग भी हासिल की है. धोनी ने 2015 में पैरा ब्रिगेड के तहत प्रशिक्षण प्राप्त किया था. विश्व कप में टीम इंडिया के पहले मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ धोनी ने जो दस्ताने पहने थे, उन पर सेना का बलिदान बैज बना हुआ था.
क्या कहता है आईसीसी का नियम
आईसीसी के नियम के मुताबिक, 'आईसीसी के कपड़ों या अन्य वस्तुओं पर अंतर्राष्ट्रीय मैच के दौरान राजनीति, धर्म या नस्लभेद आदि का संदेश अंकित नहीं होना चाहिए.'