नई दिल्ली: अपने देश के लिए ओलंपिक ध्वजवाहक होना हर एथलीट के लिए एक सम्मान की बात होती है. उनके लिए ये उतने ही गर्व की बात है, जितना वह पदक जीतते समय करते हैं. ग्रीष्मकालीन खेलों में एक देश का ध्वजवाहक राष्ट्र के मूल्यों का प्रतिनिधित्व करता है और इसे ओलंपिक आदर्शों के प्रतीक के रूप में देखा जाता है. यह भविष्य के लिए एक प्रेरणा या रोल मॉडल हो सकता है. भारत की दिग्गज मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम और पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह को टोक्यो ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में भारतीय ध्वजवाहक की जिम्मेदारी दी गई है.
इसके अलावा पहलवान बजरंग पुनिया 8 अगस्त को टोक्यो खेलों के समापन समारोह में भारतीय ध्वजवाहक होंगे. आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने एक आधिकारिक पत्र जारी करते हुए कहा कि 23 जुलाई को उद्घाटन समारोह के लिए टोक्यो 2020 के भारतीय दल के ध्वजवाहक मैरी कॉम और मनप्रीत सिंह हैं. ' टोक्यो ओलंपिक 23 जुलाई से 8 अगस्त तक होगा. यह आयोजन पिछले साल ही होना था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे स्थगित करना पड़ा था. यह भी पढ़े: Tokyo Olympics: पीएम मोदी ने बढ़ाया उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों का हौसला, CM योगी ने कहा – प्रधानमंत्री ने हमेशा दिया खेलों को बढ़ावा
Boxer MC Mary Kom & hockey player Manpreet Singh to be flag bearers of the Indian contingent at the Tokyo Olympics opening ceremony; wrestler Bajrang Punia to be the flag bearer of the contingent at the closing ceremony.@MangteC@manpreetpawar07@BajrangPunia
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— Prasar Bharati News Services पी.बी.एन.एस. (@PBNS_India) July 5, 2021
लैंगिक समानता को मिलेगा बढ़ावा
बीते वर्ष कार्यकारी बोर्ड की बैठक में आईओसी प्रमुख थॉमस बाख ने बताया था कि अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने कहा है कि उद्घाटन समारोह में दोनों लिंगों के ध्वजवाहकों के लिए प्रावधान रहेगा। आईओसी के कार्यकारी बोर्ड ने यह भी फैसला लिया था कि 206 टीमों में से प्रत्येक टीम में कम से कम एक महिला और एक पुरुष एथलीट और ओलंपियाड के खेलों में भाग लेने वाली आईओसी शरणार्थी ओलंपिक टीम होनी चाहिए.
ये खिलाड़ी बन चुके हैं ध्वजवाहक
अब तक 17 एथलीट्स ने ध्वजवाहक बनने का सम्मान हासिल किया है लेकिन इनमें से केवल 8 ही ऐसे एथलीट्स हैं, जिन्होंने ओलंपिक में पदक जीता। देश के इकलौते व्यक्तिगत स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा रियो ओलंपिक 2016 में भारत के ध्वजवाहक थे। यह उनका आखिरी ओलंपिक भी था। ध्वज को ले जाने वाले अन्य गोल्ड मेडलिस्ट खिलाड़ियों की सूची में 1932 ओलंपिक हॉकी टीम के कप्तान लाल चंद भोकरी, जादूगर ध्यानचंद, दिग्गज बलबीर सिंह सीनियर और जफर इकबाल भी शामिल हैं। तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बलबीर सिंह सीनियर को ओलंपिक में ये सम्मान दो बार (1952, 1956) मिला है.
स्प्रिंटर शाइनी-अब्राहम विल्सन 1992 बार्सिलोना ओलंपिक में देश की ओलंपिक ध्वजवाहक का सम्मान पाने वाली पहली भारतीय महिला था। शाइनी के अलावा ये सम्मान पाने वाली अन्य भारतीय महिला खिलाड़ी अंजू बॉबी जॉर्ज हैं, जिन्होंने 2004 एथेंस ओलंपिक में ये उपलब्धि हासिल की थी. टेनिस दिग्गज लिएंडर पेस, निशानेबाज राज्यवर्धन सिंह राठौर और रेसलर सुशील कुमार भी अन्य ओलंपिक पदक विजेता हैं, जिन्होंने भारत के ओलंपिक ध्वजवाहक का सम्मान हासिल किया है.