Divya Kakran: पिता ने बेचे लंगोट, तंगहाली में गुजरा बचपन, संघर्षों से लड़कर बनीं चैंपियन

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर : भारत की मशहूर महिला रेसलर दिव्या काकरान (Divya Kakran) कुश्ती में देश का नाम रोशन कर चुकी हैं. एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन चैंपियनशिप (Asian Championship) में पदक जीत चुकीं दिव्या अपनी ताकत और आक्रामक शैली के लिए जानी जाती हैं. 8 अक्टूबर 1988 को उत्तर प्रदेश के पुरबालियान में जन्मीं दिव्या को ये खेल विरासत में मिला है. दिव्या के दादा एक पहलवान थे. दिव्या के पिता सूरज काकरान खुद कुश्ती में करियर बनाने के लिए यूपी के गांव से निकलकर दिल्ली गए थे, लेकिन उन्हें कामयाबी हाथ नहीं लग सकी. हार मानकर पिता वापस अपने गांव लौट गए. इसके बाद पिता ने दूध का बिजनेस शुरू किया, लेकिन एक बार फिर असफलता मिली. आखिरकार, पत्नी और दो बच्चों को साथ लेकर सूरज दिल्ली के गोकुलपुरी आ गए.

दिल्ली आकर सूरज काकरान ने कुश्ती के खेल में पहने जाने वाले लंगोट का बिजनेस शुरू किया. सूरज खुद ही इन्हें सिलते और दंगलों में जाकर बेचा करते. एक दिन सूरज काकरान ने अखबार में प्रसिद्ध महिला रेसलर गीता फोगाट के बारे में पढ़ा. उन्हें लगा कि उनकी बेटी भी दंगल लड़ सकती है. भले ही सूरज खुद एक रेसलर नहीं बन सके, लेकिन उन्होंने बच्चों के जरिए अपने सपने को पूरा करने की ठान ली. उस समय परिवार किराए के कमरे में रहता था, जिस पर प्रतिमाह 500 रुपये खर्च होते थे. सूरज काकरान कम पढ़े-लिखे थे. ऐसे में उनके पास नौकरी के ज्यादा विकल्प भी नहीं थे, लेकिन तंगहाली के बावजूद उन्होंने बच्चों को पहलवान बनाने का सपना देखना जारी रखा. यह भी पढ़ें : Rinku Singh Meets Shadab Jakati: रिंकू सिंह ने सोशल मीडिया स्टार शादाब जकाती से की मुलाकात; टीम इंडिया के खिलाड़ी ने बनाया ‘10 रुपये वाला बिस्किट…’ वायरल मीम का रीक्रिएशन, देखें वीडियो

सूरज अपने बच्चों को कुश्ती के दांव-पेंच सिखाने लगे. जब दिव्या महज 5 साल की थीं, तो भाई के साथ अखाड़े जाने लगीं. वह एक कोने में बैठकर रेसलर्स के दांव की नकल करतीं. धीरे-धीरे दिव्या अखाड़े में खुद भी उतरने लगीं. उन्होंने यहां लड़कों को भी पटखनी देनी शुरू कर दी. दिव्या काकरान ने यहां से पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने साल 2018 में 'भारत केसरी' टाइटल जीता. हरियाणा के भिवानी में खेले गए फाइनल मैच में उन्होंने रितु मलिक को शिकस्त दी. इसके बाद दिसंबर 2017 में दिव्या ने कॉमनवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया. इसी साल उन्होंने एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप के विमेंस फ्रीस्टाइल 69 किलोग्राम भारवर्ग में सिल्वर जीता.

साल 2018 में दिव्या ने एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में देश के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीते. साल 2019 में उन्होंने एशियन चैंपियनशिप मे ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कियासाल 2020 में नई दिल्ली में आयोजित एशियन चैंपियनशिप में दिव्या ने 68 किलोग्राम भारवर्ग में गोल्ड अपने नाम किया. अगले साल उन्होंने 72 किलोग्राम भारवर्ग में एक बार फिर भारत के लिए सोना जीता. दिव्या काकरान ने फरवरी 2023 में मेरठ के रहने वाले नेशनल बॉडी बिल्डर खिलाड़ी सचिन प्रताप सिंह के साथ शादी रचाई. हालांकि, करीब ढाई साल बाद भी दोनों का रिश्ता टूट गया. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 100 से ज्यादा मेडल जीतने वाली दिव्या को कुश्ती में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए साल 2020 में 'अर्जुन अवॉर्ड' से सम्मानित किया गया.