Tokyo Paralympic 2020: भारत के इन धुरंधरों से है मेडल की सबसे ज्यादा आस, 25 अगस्त से दिखाएंगे दमखम
पैरालंपिक एथलीट (Photo Credits: PIB)

Tokyo Paralympics: भारत के 54 एथलीट- तीरंदाजी, एथलेटिक्स (ट्रैक एंड फील्ड), बैडमिंटन, तैराकी, भारोत्तोलन समेत 9 खेलों में भाग लेंगे. यह किसी भी पैरालंपिक में भारत द्वारा भेजी गई अब तक की सबसे बड़ी टीम है. सभी 54 एथलीट टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) का हिस्सा हैं. योगी के तेज तर्रार DM सुहास एलवाई भी मेडल की रेस में, बैडमिंटन रैकेट से करते हैं जादू, विश्व में हैं तीसरे रैंक पर

गुजरात राज्य की भाविना पटेल और सोनलबेन पटेल दोनों पैरालंपिक खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने की कोशिश करेंगी. यह जोड़ी क्रमशः पैरा टेबल टेनिस महिला एकल व्हीलचेयर वर्ग 4 श्रेणी और महिला एकल व्हीलचेयर वर्ग 3 श्रेणी में भाग ले रही है. वे महिला युगल स्पर्धा में भी जोड़ी के रूप में भाग लेंगी.

भाविना और सोनलबेन अपने क्वालीफिकेशन राउंड की शुरुआत टोक्यो में पहले दिन यानी 25 अगस्त को करेंगी. क्वालीफाइंग राउंड 25, 26 और 27 अगस्त को होंगे, जबकि सेमीफाइनल और फाइनल क्रमशः 28 और 29 अगस्त को होंगे.

दोनों खिलाड़ियों ने अहमदाबाद स्थित ब्लाइंड पीपुल्स एसोसिएशन में प्रशिक्षक ललन दोषी की देख-रेख में प्रशिक्षण लिया है. भाविना जहां इस समय अपने वर्ग में दुनिया में 8वें स्थान पर हैं, वहीं सोनलबेन 19वें स्थान पर हैं. दोनों सरदार पटेल पुरस्कार और एकलव्य पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं और एशियाई खेलों में पदक विजेता रही हैं.

दोनों खिलाड़ी टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) कोर ग्रुप का हिस्सा हैं और दोनों को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के मामले में भारत सरकार से महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ है. भाविना को व्यक्तिगत प्रशिक्षण के लिए टीटी टेबल, रोबोट और टीटी व्हीलचेयर तथा आगामी टोक्यो पैरालंपिक खेलों की तैयारी के लिए फिजियोथेरेपी, आहार विशेषज्ञ, मनोवैज्ञानिक और प्रशिक्षण शुल्क के साथ-साथ प्रशिक्षण के लिए टेबल टेनिस बॉल, प्लाई, रबर, गोंद आदि जैसे उनके खेल से जुड़े विशिष्ट उपकरणों की खरीद के लिए वित्तीय सहायता भी मिली है.

पैरा टीटी से जुड़ी अपनी बड़ी बहनों के नक्शेकदम पर चलते हुए पैरालंपिक खेलों में पैरा ताइक्वांडो में भारत की एकमात्र प्रतिनिधि 21 वर्ष की अरुणा तंवर होंगी. हरियाणा की अरुणा महिलाओं के 49 किलोग्राम से कम भार के के-44 वर्ग में भाग लेंगी. वो 2 सितंबर को राउंड- ऑफ-16 राउंड्स में अपना जौहर दिखायेंगी.

अरुणा इस समय के-44 वर्ग में 30वें स्थान पर हैं और वो 2018 में वियतनाम में आयोजित एशियाई पैरा ताइक्वांडो चैम्पियनशिप में रजत पदक विजेता रही हैं. साथ ही, वो 2019 में तुर्की में आयोजित विश्व पैरा ताइक्वांडो चैम्पियनशिप में कांस्य पदक विजेता रही हैं. वो टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) का एक हिस्सा हैं और उन्हें उनके खेल से जुड़े विशिष्ट उपकरणों की खरीद के लिए वित्तीय सहायता भी मिली है.

पैरा पावरलिफ्टिंग के लिए भारत जय दीप और सकीना खातून के रूप में दो सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को वहां भेज रहा है. जहां एक ओर पश्चिम बंगाल में जन्मी सकीना बेंगलुरु स्थित साई राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र में प्रशिक्षण ले रही हैं, वहीं दूसरी ओर हरियाणा के रहने वाले जय दीप रोहतक स्थित राजीव गांधी स्टेडियम में प्रशिक्षण ले रहे हैं. ये दोनों ही टॉप्‍स कोर टीम का हिस्सा हैं.

सकीना, जो महिलाओं के 50 किग्रा तक के वर्ग में भाग लेंगी, अब तक की एकमात्र भारतीय महिला पैरालिंपियन हैं, जिन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में कोई पदक जीता है. उन्‍होंने वर्ष 2014 में ग्लासगो में यह पदक जीता था. वह पैरा एशियन गेम्स 2018 की रजत पदक विजेता भी हैं. बचपन में हुई पोलियो की गंभीर बीमारी की वजह से ही सकीना दिव्‍यांगता से ग्रस्‍त हो गई हैं. मैट्रिक तक पढ़ाई कर लेने के बाद उन्होंने दिलीप मजूमदार और अपने वर्तमान कोच फरमान बाशा से प्राप्‍त वित्तीय सहायता की बदौलत वर्ष 2010 में पावरलिफ्टिंग प्रशिक्षण शुरू किया.

जय दीप, जो पुरुषों के 65 किग्रा तक के वर्ग में भाग ले रहे हैं, भारतीय खेल प्राधिकरण में सहायक कोच हैं. इन दोनों ही खिलाडि़यों को तीन से भी अधिक अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने और खेल किट से युक्‍त खेल विज्ञान सहायता के साथ राष्ट्रीय कोचिंग शिविरों में भाग लेने में भारत सरकार की ओर से महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्‍त हुआ है. ये दोनों ही खिलाड़ी 27 अगस्त को अपने-अपने फाइनल राउंड में टोक्यो में खेलेंगे.