अलविदा 2018: खूब चला कप्तान कोहली का बल्ला, मैरी कॉम ने भी किया कमाल, देश को मिले युवा सितारे
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने अपनी शानदार बल्लेबाजी से 2018 में भी विश्व क्रिकेट में दबदबा बनाए रखा और महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकाम ने नया इतिहास रचा जबकि बीते वर्ष भारतीय खेलों को नए और युवा स्टार भी मिले
नई दिल्ली: भारतीय कप्तान विराट कोहली ने अपनी शानदार बल्लेबाजी से 2018 में भी विश्व क्रिकेट में दबदबा बनाए रखा और महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकाम ने नया इतिहास रचा जबकि बीते वर्ष भारतीय खेलों को नए और युवा स्टार भी मिले. बैडमिंटन कोर्ट पर पीवी सिंधू का लगातार अच्छा प्रदर्शन, भाला फेंक में लगातार सुधार करने की नीरज चोपड़ा की कोशिश और किशोर निशानेबाजों के शानदार प्रदर्शन की बदौलत 2018 में भारत के लिए काफी सकारात्मक पक्ष रहे. कई खेल वाली प्रतियोगिताओं में भारतीय खिलाड़ियों ने प्रभाव छोड़ा. एथलीटों ने राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई खेलों और युवा ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन किया. कभी कभी प्रशासनिक नाकामी और डोपिंग के मामले भी देखने को मिले लेकिन यह भारत की खेलों की चमक को फीका नहीं कर सके.
क्रिकेट के मैदान पर दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में नतीजे काफी उत्साहवर्धक नहीं रहे लेकिन बल्लेबाज के रूप में कोहली दुनिया की सबसे चुनौतीपूर्ण पिचों पर छाप छोड़ने में सफल रहे. उन्हें इस साल देश का सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न भी दिया गया. साल भर हालांकि कई मौकों पर टीम संयोजन को लेकर उनके फैसलों पर सवाल उठे लेकिन आस्ट्रेलिया में बोर्डर-गावस्कर ट्राफी बरकरार रखकर भारतीय टीम साल का शानदार अंत करने में सफल रही.
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आस्ट्रेलिया को अपने मुख्य बल्लेबाजों स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर की कमी खली जिन्हें दक्षिण अफ्रीका में गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण के लिए कैमरन बेनक्राफ्ट के साथ प्रतिबंधित किया गया. इस मामले के कुछ ही हफ्तों बाद आस्ट्रेलिया ने राष्ट्रमंडल खेलों की बेहतरीन मेजबानी की. भारत के लिए भी यह खेल यादगार रहे जिसने भारोत्तोलकों की बदौलत पदकों के मामले में अपना अब तक का तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया.भारोत्तोलन में भारतीय चुनौती की अगुआई विश्व चैंपियन मीराबाई चानू ने की जिन्हें कोहली के साथ खेल रत्न मिला.
भारोत्तोलन को 16 साल के जेरेमी लालरिननुंगा के रूप में नया स्टार मिला जिन्होंने युवा ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता. रियो ओलंपिक 2016 में फ्लाप शो के बाद भारतीय निशानेबाजों ने 2018 में वापसी की. राष्ट्रमंडल खेलों में 16 साल की मनु भाकर और 15 साल के अनीश भानवाला स्वर्ण पदक विजेताओं में शामिल रहे. निशानेबाजों ने एशियाई खेलों में भी अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन मनु ने मायूस किया. सोलह साल के सौरभ चौधरी और 15 साल के शारदुल विहान सोने का तमगा जीतने में सफल रहे. मनु और चौधरी ने युवा ओलंपिक में भी स्वर्ण पदक जीते. निशानेबाजी में जहां युवाओं का दबदबा रहा वहीं मुक्केबाजी में 36 साल की तीन बच्चों की मां मैरीकोम छाई रही जिन्होंने रिकार्ड छठा विश्व खिताब जीतने के अलावा राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता.
सिंधू ने पांच बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में हार के बाद साल का अंत विश्व टूर फाइनल्स के खिताब के साथ किया जहां फाइनल में उन्होंने दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी ताइ जू यिंग को हराया.
साइना नेहवाल ने राष्ट्रमंडल खेलों का स्वर्ण जीतने के अलावा एशियाई खेलों में कांस्य पदक हासिल किया. उन्होंने साथी बैडमिंटन खिलाड़ी पी कश्यप के साथ शादी करके अपने जीवन में नई पारी की शुरुआत की. कुश्ती में विनेश फोगाट ने राष्ट्रमंडल एवं एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीते जबकि बजरंग पूनिया ने भी इन दोनों खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के अलावा विश्व चैंपयिनशिप में भी रजत पदक हासिल किया. दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार ने हालांकि उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं करके निराश किया.
टेबल टेनिस में मनिका बत्रा ने सुर्खियां बटोरी. दिल्ली की इस खिलाड़ी ने राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण सहित चार पदक जीतने के अलावा एशियाई खेलों में अनुभवी अचंता शरत कमल के साथ मिलकर मिश्रित युगल में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीता. भारत ने एशियाई खेलों में पदकों के लिहाज से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. भाला फेंक में 21 साल के नीरज ने राष्ट्रमंडल और एशियाई खेल दोनों में रिकार्ड दूरी के साथ स्वर्ण पदक जीतते हुए 2020 ओलंपिक खेलों में पदक की उम्मीद जगाई.
एथलीट हिमा दास अंडर 20 400 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक के साथ ट्रैक एवं फील्ड में किसी भी स्तर पर भारत की पहली महिला विश्व चैंपियन बनीं. दिग्गज क्यू खिलाड़ी पंकज आडवाणी ने सुर्खियों से दूर 21वां विश्व खिताब अपनी झोली में डाला. गोल्फ कोर्स पर शुभंकर शर्मा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मेबैंक मलेशिया ओपन का खिताब जीता. वह एशियाई टूर आर्डर आफ मेरिट के अलावा यूरोपीय टूर का ‘रूकी आफ द ईयर’ पुरस्कार भी जीतने में सफल रहे.
भारतीय पुरुष हाकी टीम ने निराश किया. टीम राष्ट्रमंडल खेलों और विश्व कप में कोई पदक नहीं जीत सकी जबकि एशियाई खेलों में तीसरे सथान पर रही. राष्ट्रमंडल खेलों की चैंपियन भारोत्तोलक संजीता चानू डोप परीक्षण में नाकाम रहीं. बीसीसीआई में प्रशासनिक दिक्कतें एक और साल जारी रही.