संत ज्ञानेश्वर महाराज पालकी सोहला आलंदी से प्रस्थान कर चुकी है. वारकरी संप्रदाय की 350 साल पुरानी वारारी परंपरा आज भी जीवित है. इस साल इस पालकी पर्व का 338वां साल है, जिसके लिए वैष्णव अलंकापुरी में जुटे हैं. वारकरी आज से ताल-मृदुंगा की थाप पर आषाढ़ी एकादशी के लिए पंढरपुर के लिए रवाना हो चुके हैं. पुणे शहर में पालकी समारोह के अवसर पर यातायात मार्ग में बदलाव किया गया है.

देखें वीडियो:

(SocialLY के साथ पाएं लेटेस्ट ब्रेकिंग न्यूज, वायरल ट्रेंड और सोशल मीडिया की दुनिया से जुड़ी सभी खबरें. यहां आपको ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वायरल होने वाले हर कंटेंट की सीधी जानकारी मिलेगी. ऊपर दिखाया गया पोस्ट अनएडिटेड कंटेंट है, जिसे सीधे सोशल मीडिया यूजर्स के अकाउंट से लिया गया है. लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है. सोशल मीडिया पोस्ट लेटेस्टली के विचारों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, हम इस पोस्ट में मौजूद किसी भी कंटेंट के लिए कोई जिम्मेदारी या दायित्व स्वीकार नहीं करते हैं.)