भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) को वैश्विक मंच पर मान्यता मिल रही है. वर्ल्ड बैंक के G20 ग्लोबल पार्टनरशिप दस्तावेज में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा वित्तीय समावेशन के लिए किए गए काम की तरीफ की गई है. इसमें कहा गया है कि एक दशक में भारत में बड़ा बदलाव आया है. डीपीआई क्रांति समावेशी वित्त से कहीं आगे तक बढ़ गई है. इसने मूल रूप से देश के डिजिटल परिदृश्य को नया आकार दिया है.
विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भारत के डीपीआई दृष्टिकोण ने वह हासिल कर लिया है जिसे कई लोग असंभव मानते थे. भारत में वित्तीय समावेशन दर 2008 में मात्र 25 प्रतिशत थी. यह छह साल में बढ़कर 80 प्रतिशत तक पहुंच गई. जिस काम को करने में दूसरे देशों को आधी शताब्दी लग गए, भारत ने उस मुकाम को सिर्फ छह साल में पा लिया. इसके लॉन्च के बाद से PMJDY खातों की संख्या तीन गुना हो गई है.
India's leap in financial inclusion, powered by Digital Public Infrastructure!
A G20 document prepared by the @WorldBank shared a very interest point on India's growth. India has achieved financial inclusion targets in just 6 years which would otherwise have taken at least 47…
— Narendra Modi (@narendramodi) September 8, 2023
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