पटना हाई कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई लड़की अपनी मां के साथ रहने में असुविधा व्यक्त करती है, भले ही यह एक अस्थायी परिस्थिति हो, तो फैमिली कोर्ट के लिए यह राय और निर्देश देने के लिए एक बहुत ही आवश्यक आधार है कि लड़की को उसके पिता के साथ रहना चाहिए.
अपीलकर्ता और प्रतिवादी, जिनका विवाह हिंदू रीति-रिवाजों से हुआ था उनके दो बच्चे थे. प्रतिवादी ने तनावपूर्ण संबंधों और पत्नी द्वारा बेवफाई और हिंसा के संदेह के कारण तलाक के लिए अर्जी दी. तलाक की कार्यवाही के दौरान दोनों ने पति को बेटे की और मां को लड़की की कस्टडी के साथ आपसी सहमति से तलाक देने पर सहमति व्यक्त की थी.
When Girl Child Doesn’t Appear To Be Comfortable With Mother, Necessary For Court To Consider & Grant Custody To Father: Patna High Court #ChildCustody https://t.co/viHFqhjapR
— Live Law (@LiveLawIndia) April 10, 2023
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