Supreme Court On Divorce After Just 40 Days: सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि शादी के बाद सेटल होने में समय लगता है, सिर्फ 40 दिन बाद ही तलाक लेने का फैसला गलत है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत एक विवाह को रद्द करने के लिए अपनी पूर्ण शक्तियों का उपयोग करने से इनकार कर दिया, जहां पति-पत्नी अलग होने से पहले केवल 40 दिनों के लिए एक साथ रहती थीं. जस्टिस राजेश बिंदल और अरविंद कुमार की खंडपीठ ने उम्मीद जताई कि पति-पत्नी में सद्बुद्धि आएगी. कोर्ट ने कहा नव दंपत्ती केवल 40 दिनों के लिए एक साथ रहते थे. शादी में व्यवस्थित होने में समय लगता है."
क्या है मामला
दंपत्ती ने विभिन्न मोर्चों पर शादी टूटने का हवाला दिया था. पत्नी ने अपने ससुराल वालों की ओर से दुर्व्यवहार का आरोप लगाया, जिसके बाद उसके पति ने उसे मुंबई भेज दिया और उसके साथ सभी नाते तोड़ दिए. अपने ससुराल में प्रवेश से मना करने के बाद पत्नी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. इस बीच पति ने तलाक की अर्जी दाखिल करनी शुरू कर दी. दूसरी ओर, पति ने दावा किया कि उसने मध्यस्थता सहित विवाह को सुलझाने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. सुप्रीम कोर्ट ने दंपत्ति की स्थिति, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए केस ट्रांसफर करने की याचिका को खारिज कर दिया.
It takes time to settle down in marriage: Supreme Court refuses to use Article 142 powers to dissolve 40-day union
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