भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें केंद्र सरकार को गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी.

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति अभय एस ओका की पीठ ने याचिकाकर्ता गोवंश सेवा सदन से कहा कि इस तरह के मामलों का फैसला करना अदालत का काम नहीं है, और यह भी पूछा कि याचिकाकर्ता का कौन सा मौलिक अधिकार प्रभावित हुआ है.

कोर्ट ने सवाल किया, "क्या यह अदालत का काम है... आप ऐसी याचिकाएं क्यों दायर करते हैं जहां हमें लागत लगाने के लिए मजबूर किया जाता है? कौन सा मौलिक अधिकार प्रभावित होता है? अदालत में आने के कारण कानून को हवा दी जाएगी?" .

इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने जवाब दिया कि गोरक्षा एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है. उन्होंने कहा, "सरकार को इस पर विचार करने दें. मैं मजबूर नहीं हूं... हमें सब कुछ गायों से मिल रहा है, माननीय." हालांकि, कोर्ट ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ता ने इसे वापस लेने का फैसला किया.

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