Marital Rape को अपराध घोषित करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया नोटिस, अब फरवरी में होगी सुनवाई
मैरिटल रेप को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट की पीठ के अलग-अलग फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.
मैरिटल रेप यानी विवाहित जोड़े के बीच जबरन संबंध बनाने को लेकर उठे मसले पर दिल्ली हाईकोर्ट की पीठ के अलग-अलग फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 375 के अपवाद 2 की वैधता पर मार्शल रेप मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के विभाजित फैसले के खिलाफ अपील में केंद्र सरकार से जवाब मांगा. अब इस मामले पर अगली सुनवाई पांच महीने बाद फरवरी 2023 मे होगी.
न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की पीठ ने अपवाद 2 से धारा 375 को चुनौती देने वाली याचिका में नोटिस जारी किया, जो प्रभावी रूप से यह प्रावधान करती है कि उस व्यक्ति के खिलाफ बलात्कार का आरोप नहीं लगाया जा सकता जो अपनी पत्नी के साथ गैर-सहमति से यौन संबंध रखता है. उसी की वैधता को पहले उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी गई थी, और न्यायमूर्ति राजीव शकधर और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की खंडपीठ ने 11 मई को मामले में विभाजित फैसला सुनाया था.
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