कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक फैमली कोर्ट के आदेश को निरस्त कर दिया, जिसमें एक मोबाइल सेवा प्रदाता को एक दंपति के वैवाहिक मामले में तीसरे पक्ष की कॉल डिटेल और मोबाइल टॉवर का ब्योरा जमा करने को कहा गया था. कोर्ट ने कहा कि यह तीसरे पक्ष के निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है.
'तीसरे पक्ष' की याचिका को स्वीकार करते हुए जस्टिस एम नागप्रसन्न ने अपने फैसले में कहा कि पति की इस दलील पर कि वह याचिकाकर्ता और अपनी पत्नी के बीच अवैध संबंध साबित करना चाहता है, तीसरे पक्ष की निजता का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती. दंपति के बीच 2018 से बेंगलुरु की परिवार अदालत में वैवाहिक मामला चल रहा है.
Seeking cellphone info of wife’s ‘lover’ flouts privacy: Karnataka HC
Violation of a third party's privacy cannot be allowed on a man's specious plea that he wants to prove his wife's illicit relationship, the Karnataka HC has ruled recently.
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— The Times Of India (@timesofindia) December 14, 2022
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