Ghaziabad: शख्स का आरोप, DigiLocker में रखे कार का पेपर दिखाने पर भी ट्रैफिक पुलिस ने काटा 7,500 रुपये का जुर्माना, जानें सरकार ने क्या कहा

यूपी के गाजियाबाद का रहने वाला एक युवक ने आरोप लगाया है कि यात्रा के दौरान ट्रैफिक पुलिस वालों ने उसकी कार रोकने के बाद गाड़ी के पेपर दिखाने को कहा. उनके कहने पर उसने डिजिलॉकर में कागज दिखाया. लेकिन ट्रैफिक पुलिस वाले उसे नहीं माने और बदले में 7500 हजार रुपये का चालान काट दिए

यूपी के गाजियाबाद का रहने वाला एक युवक ने आरोप लगाया है कि यात्रा के दौरान ट्रैफिक पुलिस वालों ने उसकी कार रोकने के बाद गाड़ी के पेपर दिखाने को कहा. उनके कहने पर उसने डिजिलॉकर (Digilocker) में कागज दिखाया. लेकिन ट्रैफिक पुलिस वाले उसे नहीं माने और बदले में 7500 हजार रुपये का चालान काट दिए. बदले में वह पुलिस स्टेशन में इस मामले में शिकायत दर्ज करवाने गया तो उसकी शिकायत भी नहीं ली गई. वहीं इस मामले में भारत सरकार की तरह से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कहा है कि डिजिलॉकर पर उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों को कानूनी रूप से 2000 के आईटी अधिनियम के तहत वैध प्रमाण दस्तावेजों के रूप में मान्यता प्राप्त है. इस परिपत्र के तहत, ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) और ले जाने की कोई आवश्यकता नहीं होगी.

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