मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक फैमली कोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें एक महिला के दूसरे पति को उसे मासिक भरण-पोषण भत्ता देने के लिए कहा गया था. कोर्ट ने पाया कि महिला ने अपने पहले पति को तलाक नहीं दिया था और इस तरह वह कानूनी रूप से दूसरे पुरुष की विवाहित पत्नी नहीं थी.

कोर्ट ने कहा कि पहली शादी से तलाक न होने के कारण महिला दूसरे पति से भरण-पोषण का दावा नहीं कर सकती है. इससे पहले फैमली कोर्ट ने पति को पत्नी को 10,000 रुपये प्रति माह देने का निर्देश दिया था.

(SocialLY के साथ पाएं लेटेस्ट ब्रेकिंग न्यूज, वायरल ट्रेंड और सोशल मीडिया की दुनिया से जुड़ी सभी खबरें. यहां आपको ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वायरल होने वाले हर कंटेंट की सीधी जानकारी मिलेगी. ऊपर दिखाया गया पोस्ट अनएडिटेड कंटेंट है, जिसे सीधे सोशल मीडिया यूजर्स के अकाउंट से लिया गया है. लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है. सोशल मीडिया पोस्ट लेटेस्टली के विचारों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, हम इस पोस्ट में मौजूद किसी भी कंटेंट के लिए कोई जिम्मेदारी या दायित्व स्वीकार नहीं करते हैं.)