मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक फैमली कोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें एक महिला के दूसरे पति को उसे मासिक भरण-पोषण भत्ता देने के लिए कहा गया था. कोर्ट ने पाया कि महिला ने अपने पहले पति को तलाक नहीं दिया था और इस तरह वह कानूनी रूप से दूसरे पुरुष की विवाहित पत्नी नहीं थी.
कोर्ट ने कहा कि पहली शादी से तलाक न होने के कारण महिला दूसरे पति से भरण-पोषण का दावा नहीं कर सकती है. इससे पहले फैमली कोर्ट ने पति को पत्नी को 10,000 रुपये प्रति माह देने का निर्देश दिया था.
Madhya Pradesh High Court Sets Aside Order Asking Woman’s Second Husband To Pay Maintenance, Say Not A Legally Wedded Wife As First Marriage Still Subsisting https://t.co/bfcPm1qFIR
— Live Law (@LiveLawIndia) May 25, 2023
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