कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) ने हाल ही में सार्वजनिक धन की हेराफेरी (Misappropriating Public Funds) के लिए दोषी ठहराए गए एक 80 साल के पूर्व सरकारी कर्मचारी पर लगाए गए एक वर्ष के कारावास की सजा को संशोधित किया. अदालत ने 36 साल पुराने गबन मामले में दोषी बुजुर्ग को एक दिन की सजा सुनाई है. न्यायमूर्ति एस विश्वजीत शेट्टी की एकल न्यायाधीश पीठ ने हनुमंतराव द्वारा दायर याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया और कहा- आईपीसी की धारा 409 और 477ए के तहत याचिकाकर्ता को दोषी ठहराने के निचली अदालतों द्वारा दिए गए फैसले और दोषसिद्धि के आदेश को बरकरार रखा गया है. उक्त अपराधों के लिए याचिकाकर्ता के खिलाफ निचली अदालतों द्वारा पारित सजा के आदेश को संशोधित किया जाता है और याचिकाकर्ता को अदालत के उठने तक एक दिन के साधारण कारावास और 10,000 रुपए का जुर्माना भरने की सजा सुनाई जाती है.

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