सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस मुद्दे पर सुनवाई शुरू की कि आपसी सहमति वाले पक्षकारों को पारिवारिक अदालत में भेजे बिना विवाह को भंग करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत शक्तियों के प्रयोग के वास्ते व्यापक मापदंड क्या हो सकते हैं. अदालत इस बात पर भी गौर करेगी कि क्या अनुच्छेद 142 के तहत इसकी व्यापक शक्तियां उस स्थित में किसी भी तरह से बाधित होती है जहां विवाह टूट गया है, लेकिन एक पक्ष तलाक का विरोध कर रहा है.

सुप्रीम कोर्ट ने विवाह को भंग करने के लिए अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्तियों के प्रयोग पर कानून के सामान्य प्रश्न उठाने वाली याचिकाओं के एक बैच पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है.

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