अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाएगा. मामले में कोर्ट ने 17 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था. 17 फरवरी को CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने अडानी- हिंडनबर्ग केस की सुनवाई की थी.

सुनवाई के दौरान बेंच ने निवेशकों के हितों में "पूर्ण पारदर्शिता" बनाए रखने की वकालत करते हुए कहा कि वह बंद लिफाफे में केंद्र के सुझाव को स्वीकार नहीं करेगी. बता दें कि हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि अडानी ग्रुप की लिस्टेड सात कंपनियां ओवरवैल्यूड हैं. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि अडानी समूह दशकों से स्टॉक हेरफेर और मनी लॉन्ड्रिंग में लगा हुआ है.

400 से अधिक पन्नों की प्रतिक्रिया में गौतम अडानी के नेतृत्व वाले समूह ने सभी आरोपों को भ्रामक बताया था. इसके बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में तेजी से गिरावट हुई.

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