HC on Wife's Maintenance: जो पति-पत्नी कमा सकते हैं लेकिन बेरोजगार रहना चाहते हैं, उन्हें अपने साथी पर भरण-पोषण का बोझ नहीं डालना चाहिए

दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार, 21 नवंबर को कहा कि जो जीवनसाथी कमा सकता है लेकिन बेरोजगार रहना चाहता है, उसे अपने साथी पर भरण-पोषण का बोझ नहीं डालना चाहिए.

दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार, 21 नवंबर को कहा कि जो जीवनसाथी कमा सकता है लेकिन बेरोजगार रहना चाहता है, उसे अपने साथी पर भरण-पोषण का बोझ नहीं डालना चाहिए. जस्टिस वी कामेश्वर राव और जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता की डिविजन बेंच ने एक पारिवारिक अदालत द्वारा एक पत्नी को उसके पति द्वारा दायर तलाक की कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान दिए गए गुजारा भत्ते को कम करते हुए यह टिप्पणी की. बेंच ने कहा, ''पति या पत्नी के पास कमाने की उचित क्षमता है, लेकिन जो बिना किसी पर्याप्त स्पष्टीकरण या रोजगार हासिल करने के ईमानदार प्रयासों के संकेत के बिना बेरोजगार और बेकार रहना पसंद करता है, उसे खर्चों को पूरा करने की एकतरफा जिम्मेदारी दूसरे पक्ष पर डालने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.'' स्टूडेंट्स के सामने पत्नी को गाली देना मानसिक क्रूरता, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने महिला को तलाक लेने की इजाजत दी.

(SocialLY के साथ पाएं लेटेस्ट ब्रेकिंग न्यूज, वायरल ट्रेंड और सोशल मीडिया की दुनिया से जुड़ी सभी खबरें. यहां आपको ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वायरल होने वाले हर कंटेंट की सीधी जानकारी मिलेगी. ऊपर दिखाया गया पोस्ट अनएडिटेड कंटेंट है, जिसे सीधे सोशल मीडिया यूजर्स के अकाउंट से लिया गया है. लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है. सोशल मीडिया पोस्ट लेटेस्टली के विचारों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, हम इस पोस्ट में मौजूद किसी भी कंटेंट के लिए कोई जिम्मेदारी या दायित्व स्वीकार नहीं करते हैं.)

Share Now

संबंधित खबरें

'पीड़िता की सहमति कोई मायने नहीं रखती, क्योंकि उसका IQ केवल 42% था' बॉम्बे हाईकोर्ट ने बौद्धिक रूप से अक्षम घरेलू सहायिका से रेप के दोषी व्यक्ति की अंतरिम जमानत की रद्द

Snake Found in Mulund Courtroom: मुंबई के मुलुंड कोर्ट में निकला 2 फीट का सांप, मची अफरा तफरी, करीब एक घंटे तक काम हुआ प्रभावित

HC on Loan Recovery: 'बैंक लोन न चुकाने वाले उधारकर्ताओं की तस्वीरें प्रकाशित कर उन्हें भुगतान करने के लिए मजबूर नहीं कर सकते, 'यह निजता और प्रतिष्ठा के अधिकार का उल्लंघन है'- केरल हाई कोर्ट

HC on Inter-Faith Marriage: 'विशेष विवाह अधिनियम की धारा 4 के तहत मुस्लिम लड़के का हिंदू लड़की से विवाह करने पर कोई रोक नहीं है'- मध्य प्रदेश हाई कोर्ट

\