केरल हाई कोर्ट (Kerala High Court) ने सोमवार को एक बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति को चाहे वह मीडिया हो या फिर सरकारी एजेंसी, उसे बिना किसी वैध कारण के नागरिकों के निजी जीवन में झांकने का अधिकार नहीं है. कोर्ट ने कहा कि कुछ मीडिया हस्तियों का सत्य और न्याय के लिए तथाकथित धर्मयुद्ध या व्यक्तिगत प्रतिशोध आम जनता की निजता के अधिकार को बाधित करने का बहाना नहीं हो सकता. केरल हाई कोर्ट ने शख्त निर्देश में कहा कि, यही नहीं, समाचारों से अधिक घटिया सामग्री का प्रसारण कुछ समाचार चैनलों की आदत बन गई है. कोर्ट नहीं चाहता है कि किसी के निजी जीवन में टाक झांक किया जाए.

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