सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सभी राज्य बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई और एनआईओएस द्वारा आयोजित की जाने वाली कक्षा 10 और 12 की ऑफलाइन परीक्षा रद्द करने की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह की याचिकाएं भ्रामक हैं और छात्रों को झूठी उम्मीद देती हैं. इस याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर ने की, जो पिछले साल परीक्षाओं के लिए सीबीएसई के 30:30:40 वैकल्पिक मूल्यांकन मानदंडों के आधार पर परीक्षाओं के संचालन की देखरेख कर रहे थे.

याचिका में शीर्ष अदालत से सीबीएसई, आईसीएसई, एनआईओएस और राज्य बोडरें के कक्षा 10, 11 और 12 के छात्रों के मूल्यांकन के वैकल्पिक तरीके के बारे में ऑफलाइन परीक्षा के बजाय संबंधित अधिकारियों को एक अधिसूचना पारित करने का निर्देश जारी करने का आग्रह किया गया था.

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