सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सभी राज्य बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई और एनआईओएस द्वारा आयोजित की जाने वाली कक्षा 10 और 12 की ऑफलाइन परीक्षा रद्द करने की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह की याचिकाएं भ्रामक हैं और छात्रों को झूठी उम्मीद देती हैं. इस याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर ने की, जो पिछले साल परीक्षाओं के लिए सीबीएसई के 30:30:40 वैकल्पिक मूल्यांकन मानदंडों के आधार पर परीक्षाओं के संचालन की देखरेख कर रहे थे.
याचिका में शीर्ष अदालत से सीबीएसई, आईसीएसई, एनआईओएस और राज्य बोडरें के कक्षा 10, 11 और 12 के छात्रों के मूल्यांकन के वैकल्पिक तरीके के बारे में ऑफलाइन परीक्षा के बजाय संबंधित अधिकारियों को एक अधिसूचना पारित करने का निर्देश जारी करने का आग्रह किया गया था.
Supreme Court dismisses a plea seeking cancellation of offline exams for Class X and XII to be conducted by all State Boards, CBSE, ICSE and National Institute of Open Schooling (NIOS). Supreme Court says these kinds of petitions are misleading and give false hope to students. pic.twitter.com/lCZvFKLlMX
— ANI (@ANI) February 23, 2022
(SocialLY के साथ पाएं लेटेस्ट ब्रेकिंग न्यूज, वायरल ट्रेंड और सोशल मीडिया की दुनिया से जुड़ी सभी खबरें. यहां आपको ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वायरल होने वाले हर कंटेंट की सीधी जानकारी मिलेगी. ऊपर दिखाया गया पोस्ट अनएडिटेड कंटेंट है, जिसे सीधे सोशल मीडिया यूजर्स के अकाउंट से लिया गया है. लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है. सोशल मीडिया पोस्ट लेटेस्टली के विचारों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, हम इस पोस्ट में मौजूद किसी भी कंटेंट के लिए कोई जिम्मेदारी या दायित्व स्वीकार नहीं करते हैं.)