उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. इस बीच केदारनाथ जाने वाले रास्ते पर कचरे के ढेर लगे हुए नजर आ रहे है. जिसमें सबसे ज्यादा प्लास्टिक कचरा है.

गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग प्रमुख प्रोफेसर एमएस नेगी ने कहा “केदारनाथ जैसे संवेदनशील स्थान पर जिस तरह प्लास्टिक का कचरा जमा हो गया है, वह हमारी पारिस्थितिकी के लिए खतरनाक है. इससे क्षरण होगा जो भूस्खलन का कारण बन सकता है. हमें 2013 की त्रासदी को ध्यान में रखना चाहिए और सावधान रहना चाहिए.”

एचएपीपीआरसी के निदेशक एमसी नौटियाल ने बताया कि पर्यटकों की आमद कई गुना बढ़ गई है जिसके कारण प्लास्टिक कचरा बढ़ गया है. क्योंकि हमारे पास उचित स्वच्छता सुविधाएं नहीं हैं. इससे प्राकृतिक वनस्पति प्रभावित हो रही है. औषधीय पौधे भी विलुप्त हो रहे हैं.

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