Govt On Surrogacy Act: Live-In और Same-Sex Couples को सरोगेसी एक्ट में शामिल करने से इसका दुरुपयोग हो सकता है

सरोगेसी एक्ट के तहत लिव-इन और सेम-सेक्स कपल्स को शामिल करने की मांग की जा रही है. जिस पर केंद्र की मोदी सरकार ने देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में एक एफिडेविट दायर कर कहा कि सरोगेसी एक्ट के दायरे में लिव-इन कपल्स और क्वीयर कपल्स को शामिल करना ठीक नहीं होगा

Govt On Surrogacy Act: सरोगेसी एक्ट के तहत लिव-इन और सेम-सेक्स कपल्स को शामिल करने की मांग की जा रही है. जिस पर केंद्र की मोदी सरकार ने देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में एक एफिडेविट दायर कर इसका विरोध किया है. सरकार ने कहा सरोगेसी एक्ट के दायरे में लिव-इन कपल्स (Live-in Couples) और क्वीयर कपल्स (Queer Couples) को शामिल करना ठीक नहीं होगा. बल्कि इसका 'दुरुपयोग' होगा. केंद्र ने कहा कि सरोगेसी के जरिए पैदा हुए बच्चे के लिए उसका भविष्य सुनिश्चित करना मुश्किल होगा. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में भारत संघ और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की ओर से दायर एक अतिरिक्त हलफनामे में, एक संसदीय समिति के निष्कर्ष का हवाला दिया गया है, जिसमें लिव-इन कपल्स और क्वीर कपल्स को दोनों के दायरे और दायरे से बाहर रखने के फैसले का बचाव किया गया है.

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