HC On Single Woman Child Adoption: सिंगल कामकाजी महिलाएं इस नियम के तहत बच्चे को गोद ले सकती हैं- बॉम्बे हाई कोर्ट

कोर्ट ने कहा "आम तौर पर, एकल माता-पिता एक कामकाजी व्यक्ति होने के लिए बाध्य होते हैं. सिंगल माता-पिता को इस आधार पर दत्तक माता-पिता होने के लिए अपात्र नहीं ठहराया जा सकता है कि वह एक कामकाजी व्यक्ति है."

Can Single Working Women Adopt A Child? बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक महिला को अपनी बहन के बच्चे को गोद लेने से इस आधार पर मना कर दिया कि वह एक अकेली कामकाजी महिला है और बच्चे पर व्यक्तिगत ध्यान नहीं दे पाएगी.  न्यायमूर्ति गौरी गोडसे ने पाया कि एक तलाकशुदा या एकल माता-पिता किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के अनुसार गोद लेने के योग्य थे और जिला अदालत का काम केवल यह पता लगाना था कि क्या सभी आवश्यक मानदंड पूरे किए गए हैं.

बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि 'सिंगल कामकाजी महिलाएं इस नियम के तहत बच्चे को गोद ले सकती हैं."कोर्ट ने आगे कहा "आम तौर पर, एकल माता-पिता एक कामकाजी व्यक्ति होने के लिए बाध्य होते हैं. सिंगल माता-पिता को इस आधार पर दत्तक माता-पिता होने के लिए अपात्र नहीं ठहराया जा सकता है कि वह एक कामकाजी व्यक्ति है." उच्च न्यायालय ने महिला को 4 साल की नाबालिग बच्ची का दत्तक माता-पिता घोषित कर दिया.

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