मध्यप्रदेश: भारत कई मंदिरों का घर है और वार्षिक रूप से इस मंदिरों के रख-रखाव में करोड़ों रूपये खर्च होते हैं. मंदिर में जानेवाले सभी भक्तों को प्रसाद के रूप में मीठा या फल दिया जाता है. लेकिन मध्यप्रदेश के रतलाम में एक ऐसा मंदिर है, जहां भक्तों को प्रसाद के रूप में सोने-चान्दी के सिक्के दिए जाते हैं. रतलाम का महालक्ष्मी मंदिर एक ऐसा मंदिर है, इस मंदिर में हर साल करोड़ों का चढ़ावा आता है, जिसमें सोने और चांदी के आभूषण भी शामिल हैं! हर साल दिवाली के आसपास, इस प्रसाद का एक निश्चित हिस्सा भक्तों को प्रसाद के रूप में वापस किया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि लोग इस प्रसाद को प्राप्त करने के लिए हजारों मील की यात्रा करते हैं और इस मंदिर में आते हैं. यात्रा की लागत अक्सर प्रसाद लागत से अधिक होती है!
हालांकि, यहां सोने और चांदी के प्रसाद को आभूषण या कीमती धातु के रूप में नहीं माना जाता है और वास्तव में इसे धन की देवी के आशीर्वाद के रूप में माना जाता है. मंदिर से मिले इस प्रसाद को लोग कभी खर्च नहीं करते और बेचते भी नही हैं, इसे लोग अपनी तिजोरी में या घर के लॉकर में रखते हैं. यह भी कहा जाता है कि देवी को दी जाने वाली हर भेंट पर ध्यान दिया जाता है, ताकि अधिकारियों को पता चले कि प्रसाद के रूप में कितना सोना वापस करना है. इस मंदिर में प्रसाद के रूप में सोने- चांदी के सिक्के देने की प्रथा काफी समय से चली आ रही है.
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बता दें कि यह प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर माणक चौक, मध्य प्रदेश के रतलाम में स्थित है. रतलाम संस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक मंदिरों और लुभावने प्राकृतिक दृश्यों से भरा एक शानदार पर्यटन स्थल है.