हिटलर के पालतू मगरमच्छ 'सैटर्न 'की मॉस्को के जू में हुई मौत, द्वितीय विश्व युद्ध की बमबारी के दौरान बची थी जान
रूस की राजधानी मॉस्को के चिड़ियाघर में एक मगरमच्छ की मौत हो गई जिसके बाद यह मगरमच्छ सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है. इसे जर्मनी के शासक एडोल्फ हिटलर का पालतू मगरमच्छ कहा जाता है. साथ ही सैटर्न के मरने के बाद मॉस्को जू में इसके लिए श्रद्धांजलि सभा रखी गई थी.
जर्मनी, 26 मई: दुनिया भर में कोविड-19 (Covid-19) लॉकडाउन के बाद जानवरों को लेकर कई खबरे तेजी से वायरल हो रही हैं. इसी बीच अब एक खबर सामनें आई है कि रूस की राजधानी मॉस्को (Moscow) के चिड़ियाघर में एक मगरमच्छ की मौत हो गई जिसके बाद यह मगरमच्छ (Crocodile) सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है. यह मगरमच्छ जर्मनी में बर्लिन (Berlin) के चिड़ियाघर में लोगों के बीच बहुत फेमस था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जब बर्लिन चिड़ियाघर में ब्रिटेन ने बमबारी की थी तब भी यह मगरमच्छ बच गया था और इसे जर्मनी के शासक एडोल्फ हिटलर (Adolf Hitler) का पालतू मगरमच्छ कहा जाता है.
आपको बता दें कि इस मगरमच्छ का नाम सैटर्न (Saturn) है और यह मॉस्को के चिड़ियाघर में 1946 से बंद था. मिली जानकारी के अनुसार यह मगरमच्छ हिटलर के पालतू जानवरों के कुनबे में था. इस सैटर्न नामक मगरमच्छ का जन्म 1936 में मिसीसिपी में हुआ था. जिसके बाद उसे पकड़कर बर्लिन चिड़ियाघर लाया गया. इस मगरमच्छ को लेकर कई तरह की अफवाहें भी फैलाई गई. जिसमें कहा गया कि नवंबर 1943 में बर्लिन पर जब ब्रिटेन के सैनिकों ने बमबारी की तब पूरा चिड़ियाघर ध्वस्त हो गया.
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चिड़ियाघर की तरफ से एक संदेश जारी किया गया जिसमें लिखा था कि सैटर्न एक पूरा इतिहास था. उसने इस दुनिया में बहुत कुछ बदलते देखा था. साथ ही सैटर्न के मरने के बाद मॉस्को जू में इसके लिए श्रद्धांजलि सभा रखी गई थी.