फेसबुक पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा दावा किया जा रहा है कि सरकार ने भारतीय रेल पर एक प्राइवेट कंपनी का ठप्पा लगवा दिया है. वायरल हो रहे इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि ट्रेन के इंजन पर अडानी विलमार लिखा हुआ दिखाई दे रहा है, जिसे देख कर लोगों ने अंदाजा लगाना शुरू कर दिया कि मोदी सरकार ने रेलवे सेवाओं को प्राईवेटाईज कर दिए हैं. इस वीडियो के वायरल होने के इस पर लोगों की तरह तरह की प्रतिक्रियाएं आने लगी, एक शख्स ने लिखा जिस इंजन पर भारतीय रेलवे लिखना चाहिए उस पर अडानी विलमार लिखा गया है. सिर्फ इंजन ही नहीं भारतीय रेलवे के डिब्बों पर अडानी के आटे का विज्ञापन भी छपा हुआ है.
इस वीडियो में दिखाई देने वाले विज्ञापन और ठप्पे को देखने के बाद लोग किसानों के विरोध प्रदर्शन का और सपोर्ट करने लगे हैं और लोगों का कहना है कि आटे का विज्ञापन देखने के बाद हम दावे के साथ कह सकते हैं कि किसानों की लड़ाई सत्य के मार्ग पर है. सोशल मीडिया आर वायरल इस दावे को पीआईबी ने फर्जी बताते हुए कहा कि,'वे दावे भ्रामक है, पीआईबी ने ट्विटर पर एक पोस्ट के जरिए लिखा रेल पर दिख रहा एक निजी कंपनी का प्रतिक चिन्ह केवल एक कमर्शियल विज्ञापन है जिसका उद्देश्य केवल 'गैर किराया राजस्व' को बेहतर बनाना है. यह भी पढ़ें: Fact Check: केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन दबाने के लिए जैमर लगाए हैं? सोशल मीडिया पर वायरल इस खबर की जानें सच्चाई
देखें ट्वीट:
दावा: #फेसबुक पर एक वीडियो के साथ यह दावा किया जा रहा है कि सरकार ने भारतीय रेल पर एक निजी कंपनी का ठप्पा लगवा दिया है। #PIBFactCheck: यह दावा भ्रामक है। यह केवल एक वाणिज्यिक विज्ञापन है जिसका उद्देश्य केवल 'गैर किराया राजस्व' को बेहतर बनाना है। pic.twitter.com/vSmK8Xgdis
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 16, 2020
बता दें कि कोरोना महामारी की वजह से आए दिन ऐसी फर्जी खबरें सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती हैं. इसलिए सरकार ने लोगों को हिदायत दी है कि वे किसी भी खबर की प्रमाणिकता की पुष्टि किए बिना उसे आगे फॉरवर्ड न करें. ये फर्जी खबरें लोगों में दहशत फैलाते हैं. प्रेस सूचना ब्यूरो ने इंटरनेट पर वायरल गलत सूचनाओं और फर्जी खबरों पर अंकुश लगाने के लिए दिसंबर 2019 में फैक्ट चेक शाखा का शुभारंभ किया. इसका मुख्य उद्देश्य सरकार की नीतियों और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रसारित होने वाली योजनाओं से संबंधित गलत सूचना की पहचान करना है. सरकार बार -बार ऐसे फर्जी वायरल पोस्ट को शेयर न करने के लिए कहती है.