नई दिल्ली. मानव अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए युगों-युगों से देवी-देवताओं की आराधना करता आ रहा है. स्त्री हो या पुरुष अपने आराध्य देव को प्रसन्न करने के लिए हर मुमकिन कोशिश करता हैं. जब उनकी मुराद पूरी होती है तो भक्त अपनी आस्था के अनुसार चढ़ावा भी जाकर चढ़ाते हैं. कोई करोड़ों तो कोई सवा पाव लड्डू भी चढ़ाकर अपनी आस्था प्रकट करता है. लेकिन किसी ने सही कहा है कि अगर प्रभु के प्रति आस्था हो तो भक्त का एक फूल भी करोड़ों के चढ़ावे के समान होता है. एक ऐसा ही मंदिर है जहां भक्त भगवान प्रसन्न करने के लिए पत्थर का चढ़ावा चढ़ाते हैं.
भगवान शिव के एक स्वरूप को समर्पित यह मंदिर कर्नाटक के मांड्या के किरागांदुरू बेविनाहल्ली मार्ग पर 'कोटिकालिना काडू बासप्पा मंदिर है. इस मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त शिव भगवान की पूजा करने आते हैं. इस मंदिर में कोई भी पुजारी नहीं होता है. यहां आने वाला भक्त बड़ी आस्था के साथ दर्शन करने आता है और फिर भगवान शिव को तीन से चार पत्थर का चढ़ावा अर्पित कर अपनी मुराद व्यक्त करता है.
भगवान शिव के इस मंदिर का कोई विशेष ढांचा नहीं है. यहां लोग इन्हें काडू के नाम से पुकारते हैं. इस मंदिर जब किसी भक्त की मुराद पूरी होती है तो वो दर्शन के लिए आते समय अपने घर या फिर खेत से पत्थर लेकर आता है. उसके बाद मंदिर में पूजा कर लाए पत्थर को भगवान शिव को समर्पित कर देता है.