Fact Check: क्या MSME मंत्रालय लोन देने के लिए प्रोसेसिंग फीस के रूप में मांग रहा है 1000 रुपये, PIB फैक्ट चेक से जानें सच

फर्जी पत्र में दावा किया गया है कि एमएसएमई मंत्रालय प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना के तहत ऋण प्रदान कर रहा है. PIB ने अपने फैक्ट चेक में कहा कि, यह पत्र नकली है.

Fact Check: क्या MSME मंत्रालय लोन देने के लिए प्रोसेसिंग फीस के रूप में मांग रहा है 1000 रुपये, PIB फैक्ट चेक से जानें सच
फैक्ट चेक (Photo Credits: PIB)

नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद से फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर फेक न्यूज खूब वायरल हो रही हैं. ऐसे ही सोशल मीडिया के एक वायरल पोस्ट में यह दावा किया जा रहा है कि एमएसएमई मंत्रालय (MSME Ministry) लोन प्रदान कर रहा है और इसके लिए 1,000 रुपये की प्रोसेसिंग फीस मांग रहा है. दावा किया गया है कि, "एमएसएमई मंत्रालय द्वारा जारी किए गए एक पत्र के अनुसार मंत्रालय लोन प्रदान कर रहा है और इसके प्रोसेसिंग फीस के बहाने 1000 का भुगतान करने का अनुरोध कर रहा है."

फर्जी पत्र में दावा किया गया है कि एमएसएमई मंत्रालय प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना के तहत ऋण प्रदान कर रहा है. फर्जी दावों को खारिज करते हुए, प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) ने अपने फैक्ट चेक में कहा कि, "यह पत्र नकली है और एमएसएमई मंत्रालय अपनी किसी भी क्रेडिट योजना के लिए व्यक्तिगत लाभार्थियों से सीधे डील नहीं करता है." जन धन खातों सहित बैंक के 60 करोड़ से अधिक बचत खातों पर नहीं लगता है कोई सर्विस चार्ज, केंद्र सरकार ने किया फेक न्यूज का खंडन.

PIB का ट्वीट:

कोरोनो वायरस महामारी के प्रकोप के बाद से सोशल मीडिया पर ऐसी कई फर्जी खबरें जंगल में आग की तरह फैल रही हैं. सरकार लगातार जनता से अनुरोध करती आई है इस तरह की सभी खबरों और सोशल मीडिया पोस्ट पर विश्वास न करें. डिजिटल प्लेटफॉर्म पर फेक और भ्रामक खबरों पर लगाम लगाने के लिए सरकार द्वारा फैक्ट चेक जैसी कई पहल की गई है.

जब इस तरह की फेक खबरें सोशल मीडिया पर आती हैं तो सरकार भ्रामक खबरों की सत्यता को जांचने के लिए फैक्ट चेक करती है. सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही फेक खबरों और गलत जानकारियों पर विश्वास करने से पहले उनकी प्रामाणिकता की जांच कर लें.

Fact check

Claim

एमएसएमई मंत्रालय लोन प्रदान कर रहा है और इसके लिए 1,000 रुपये की प्रोसेसिंग फीस मांग रहा है.

Conclusion

PIB ने अपने फैक्ट चेक में कहा कि, "यह पत्र नकली है और एमएसएमई मंत्रालय अपनी किसी भी क्रेडिट योजना के लिए व्यक्तिगत लाभार्थियों से सीधे डील नहीं करता है."

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