Fact Check: कोविड-19 का इलाज कोलोंजी है? तेजी से वायरल होते इस खबर की सच्चाई क्या है? शोध के दौरान चौंकाने वाला सच आया सामने
खाने को स्वादिष्ट बनाने के साथ ही इसमें मौजूद तत्व आयुर्वेद के माध्यम से शरीर के तमाम विकारों को दुरुस्त करता है. लेकिन इस बात का कोई प्रमाणिक तथ्य नहीं है कि इसमें हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन है भी या नहीं.
Can Kalonji Seeds Cure COVID-19? क्या हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन युक्त बीज से कोरोनरी वायरस को खत्म किया जा सकता है? दरअसल जैसे-जैसे कोरोनावायरस का खतरा बढ़ रहा है, इसे लेकर तमाम तरह की सच्ची-झूठी खबरें सोशल मीडिया पर आये दिन वायरल हो रही हैं. इसमें कुछ खबरें ऐसी भी हैं जिनका सच्चाई से दूर तक वास्ता नहीं, लेकिन कई ऐसी भी हैं, कुछ हद तक या काफी हद सच के आसपास हैं. यहां हम एक ऐसी ही खबर की चर्चा करेंगे, जिसे लेकर कुछ लोगों ने बड़े-बड़े दावे किये हैं, लेकिन लेटेस्टली द्वारा इसकी सच्चाई की परख की गयी तो जो परिणाण सामने आया वह सचमुच काफी चौंका देनेवाला था. आइये जानें इस खबर की सच्चाई क्या थी.
दुनिया के लगभग 234 से ज्यादा देशों तक कोरोनावायरस ने अपने खतरनाक डैने फैला दिये हैं. लोगों ने खुद को तालों में बंद कर दिया है. ताजे आंकड़ों पर नजर डालें तो लगभग अब तक लगभग एक लाख से ज्यादा लोग कोरोनावायरस के शिकार बन चुके हैं. चीन के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, स्पेन और जापान जैसी बड़ी और सक्षम शक्तियों को कोरोनावायरस ने घुटनों पर झुकने के लिए मजबूर कर दिया है. यह एक ऐसी महामारी है जिसकी काट यानी दवा अथवा वेक्सिन अभी तक कोई भी देश ईजाद नहीं कर सका है.
इसके बावजूद आयुर्वेदिक इलाज के नाम पर इन दिनों सोशल मीडिया पर बड़े-बड़े दावों के साथ एक संदेश तेजी से वायरल हो रहा है कि कोलोंजी यानी मंगरैल के बीज कोरोनावायरस जैसे महामारी का अचूक दवा साबित हो रहा है. दावों में कलौंजी में 100 प्रतिशत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन बताया जा रहा है, इसलिए दावा करने वाले पूरे विश्वास के साथ इस मैसेज को शेयर कर रहे हैं कि कलौंजी यानी मंगरैल के सेवन से कोरोनावायहस के संक्रमण का उपचार हो सकता है. आखिर इस दावे में कितनी सच्चाई है?
गौरतलब है कि हाल ही में विश्व के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका ने भारत से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन मेडिसिन की मांग की थी. इस खबर के बाद से ही यह खबर वायरल होने लगी कि आधा चम्मच शहद के साथ मंगरैल का बीज खाने से कोरोनावायरस पर नियंत्रण पाया जा सकता है. देखते ही देखते यह खबर सोशल मीडिया पर हवा की गति से प्रसारित होने लगा. इस मैसेज में उल्लेखित है कि कोलोंजी यानी मंगरैल में उपस्थित हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन कोविड-19 की व्यार्धि को दूर कर सकता है. इस खबर में कितनी सच्चाई है, इसकी सच्चाई दो तरीकों से पता की जा सकती है. पहला यह कि क्या कलौंजी में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन है? और दूसरा सवाल यह कि अगर यह सच है तो क्या इससे कोरोनावायरस का इलाज संभव है? नो डाउट, कलौंजी एक बहुत पापुलर मसाला है, जिसका उपयोग भारतीय रसोई में विभिन्न किस्म के व्यंजन बनाने के लिए किया जाता है.
खाने को स्वादिष्ट बनाने के साथ ही इसमें मौजूद तत्व आयुर्वेद के माध्यम से शरीर के तमाम विकारों को दुरुस्त करता है. लेकिन इस बात का कोई प्रमाणिक तथ्य नहीं है कि इसमें हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन है भी या नहीं.
एक अध्ययन के अनुसार एंटी ऑक्सीडेंट और कोलेजन के विरोधी गुणों का उपयोग कैंसर, मधुमेह, ह्रदय रोग, मोटापा और त्वचा रोग और कुछ अन्य समस्याओं के निदान के लिए किया जाता है.
हाल ही में अल्जीरिया में इसी विषय पर हुए शोध के अनुसार कोलोंजी को कोरोनावायरस से बचाने की क्षमता दर्शाई गयी है, लेकिन यह सिर्फ लेबोरेट्री में हुए एक अध्ययन का हिस्सा है, जिस पर व्यापक परीक्षण अभी जारी है. इसके बाद ही इस सच्चाई से परदा उठ सकता है.
वास्तव में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन एक मलेरिया-रोधी दवा है. लैंसेट रिपोर्ट के अऩुसार इस दवा ने कोरोनावायरस सहित कई वायरसों पर एंटीवायरल प्रभावकारी असर दिखाया है. हालांकि अभी यह शोध भी जारी है और फाइनल स्टेज तक नहीं पहुंचा है, सभी को इसके निष्कर्ष का इंतजार है. ऐसे में इस तरह के संदेश को मान लेना शायद उचित नहीं होगा कि कलौंजी अथवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन कोरोनावायरस की प्रभावशाली दवा है ही.