Fact Check: कोविड-19 एक बैक्टीरिया है जो Intravascular Coagulation का कारण बनता है और Aspirin से ठीक हो सकता है? PIB से जानें WhatsApp वायरल मैसेज की सच्चाई
एक वॉट्सऐप वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि कोविड-19 एक बैक्टीरिया है जो इंट्रावस्कुलर कोएगुलेशन यानी घनास्त्रता का कारण बनता है और एस्पिरिन से ठीक हो सकता है. इस दावे को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति बन गई है. हालांकि प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो यानी पीआईबी इस वायरल खबर की सच्चाई बताई है.
Fact Check: कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के इस दौर में विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फेक खबरें (Fake News) और गलत जानकारियां (Fake Information) जंगल में आग की तरह फैल रही हैं. लगातार सोशल मीडिया के जरिए फेक खबरों और गलत जानकारियों को शेयर करके लोगों को भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है. इसी कड़ी में एक वॉट्सऐप वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि कोविड-19 एक बैक्टीरिया (COVID-19 Bacteria) है जो इंट्रावस्कुलर कोएगुलेशन (Intravascular Coagulation) यानी घनास्त्रता (Thrombosis) का कारण बनता है और एस्पिरिन (Aspirin) से ठीक हो सकता है. इस दावे को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति बन गई है. हालांकि इस दावे में कितनी सच्चाई है इसका पता लगाने के लिए प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (Press Information Bureau) यानी पीआईबी (PIB) ने तथ्य की जांच की.
दावा- वॉट्सऐप फॉरवर्ड मैसेज का दावा है कि कोविड-19 एक बैक्टीरिया है, जो इंट्रावस्कुलर कोएगुलेशन (घनास्त्रता) का कारण बनता है और यह एस्पिरिन से ठीक हो सकता है.
पीआईबी फैक्ट चेक- यह दावा फेक है. कोविड-19 एक वायरल है और वर्तमान में अभी तक कोई लाइसेंस प्राप्त दवा उपलब्ध नहीं है.
पीआईबी फैक्ट टेक का ट्वीट-
पीआईबी फैक्ट चेक (PIB Fact Check) ने जब इस दावे की पड़ताल की तो इस दावे को फेक और निराधार पाया. पीआईबी ने इस खबर की सच्चाई बताते हुए कहा कि वॉट्सऐप वायरल मैसेज में किया जा रहा दावा फेक है, क्योंकि कोविड-19 एक वायरस है और वर्तमान में अभी तक इसकी कोई लाइसेंस प्राप्त दवा उपलब्ध नहीं है. यह भी पढ़ें: Fact Check: आयुष्मान भारत की वेबसाइट पर की गई है 'आयुष्मान मित्र भर्ती 2020' की घोषणा? PIB से जानें वायरल YouTube वीडियो की सच्चाई
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर आए दिन इस तरह के भ्रामक खबरों को शेयर किया जा रहा है, जिनकी सच्चाई लोगों तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा फैक्ट चेक की कई पहल की गई है. इसके साथ ही लगातार लोगों से अपील की जा रही है कि सोशल मीडिया पर शेयर किए जाने वाले किसी भी खबर पर आंख बंद करके भरोसा करने से पहले उनकी सत्यता और प्रामाणिकता की जांच अवश्य कर लें.
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वॉट्सऐप फॉरवर्ड मैसेज का दावा है कि कोविड-19 एक बैक्टीरिया है, जो इंट्रावस्कुलर कोएगुलेशन (घनास्त्रता) का कारण बनता है और यह एस्पिरिन से ठीक हो सकता है.
यह दावा फेक है. कोविड-19 एक वायरस है और वर्तमान में अभी तक कोई लाइसेंस प्राप्त दवा उपलब्ध नहीं है.