Fact Check: पीएम मुद्रा योजना के तहत लोन लेने के लिए लीगल चार्ज के तौर पर चुकाने होंगे 2,150 रुपए? PIB से जानें वित्त मंत्रालय द्वारा जारी Approval Letter की सच्चाई
भारत में एक तरफ कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है. दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों का चलन भी बड़ी तेजी से बढ़ता जा रहा है. रोजाना सोशल मीडिया पर कई तरह की खबरें वायरल होती रहती हैं जो बाद में फर्जी साबित होती है. इसके साथ ही सोशल मीडिया पर वायरल हो रही खबरों की जांच पीआईबी की तरफ से की जाती है और उसकी जांच कर सच्चाई बताई जाती है. इसी कड़ी में एक खबर बड़ी तेजी से वायरल हो रही है.
नई दिल्ली, 23 नवंबर. भारत में एक तरफ कोरोना वायरस (Coronavirus Pandemic) महामारी का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है. दूसरी तरफ सोशल मीडिया (Social Media) पर फर्जी खबरों का चलन भी बड़ी तेजी से बढ़ता जा रहा है. रोजाना सोशल मीडिया पर कई तरह की खबरें वायरल होती रहती हैं जो बाद में फर्जी साबित होती है. इसके साथ ही सोशल मीडिया पर वायरल हो रही खबरों की जांच पीआईबी (PIB Fact Check) की तरफ से की जाती है और उसकी जांच कर सच्चाई बताई जाती है. इसी कड़ी में एक खबर बड़ी तेजी से वायरल हो रही है. जिसमें दावा किया जा रहा है कि पीएम मुद्रा योजना (PM Mudra Yojna) के तहत लोन लेने के लिए लीगल चार्ज के तौर पर 2150 रुपए आपको चुकाने पड़ेंगे. हालांकि पीआईबी फैक्ट चेक (PIB Fact Check) ने इसे फेक खबर करार दिया है.
बता दें कि सोशल मीडिया पर पीएम मुद्रा योजना के तहत लोन लेने के लिए लीगल चार्ज के तौर पर आपको 2150 रुपए चुकाने होंगे? यह सारी चीजे वित्त मंत्रालय द्वारा जारी अप्रूवल लेटर के माध्यम से कही जा रही हैं. हालांकि पीआईबी फैक्ट चेक की जांच में यह खबर फर्जी पायी गई है. पीआईबी ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने यह लेटर नहीं जारी किया है. यह भी पढ़ें-Fact Check: महिलाओं को प्रधानमंत्री क्रेडिट स्कीम के तहत मिलेंगे 3 लाख रुपये? जानिए वायरल विडियो का सच
ANI का ट्वीट-
गौरतलब है कि इससे पहले सोशल मीडिया पर एक यूट्यूब वीडियो में दावा किया गया था कि केंद्र सरकार ‘प्रधानमंत्री क्रेडिट योजना’ के तहत सभी महिलाओं के खाते में 3 लाख की नकद राशि दे रही है. हालांकि बाद में यह दावा भी फर्जी साबित हुआ था.
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पीएम मुद्रा योजना के तहत लोन लेने के लिए लीगल चार्ज के तौर पर चुकाने होंगे 2150 रुपए
यह दावा फर्जी है. पीआईबी ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने यह लेटर नहीं जारी किया है.